पिरूल से बने उत्पाद, साथ में अधिकारी

बागेश्वर में महिलाओं ने सीखा पिरूल से सजावटी उत्पाद बनाना

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भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान ने दिया गया प्रशिक्षण
बागेश्वर। चीड़ के पेड़ों की बेकार समझी जाने पिरूल घास अब रोजगार का जरिया बन गई है। कई संस्थाए महिलाओ को प्रशिक्षण देकर उन्हें सजावटी बनाना सिखाकर आत्मनिर्भर बना रही हैं। लोगों को भी पिरूल के सजावटी उत्पाद पसंद आ रहे हैं।
भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में एनआरएलएम समूह की 30 महिलाओं को 13 दिवसीय उद्यमिता विकास के तहत पिरूल संबंधी उत्पाद बनाने का प्रशिक्षक काण्डे कन्याल ने दिया।
प्रशिक्षण में महिलाओं ने पिरुल की टोकरी, राखी, टी कॉस्ट, विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किये गये। प्रशिक्षणार्थियों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना व मुद्रा लोन जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी। साथ ही संस्थान द्वारा दिए जाने वाले निशुल्क प्रशिक्षण के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। निदेशक दिनेश कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को स्वरोजगार कर आत्म निर्भर बनने के लिए प्रेरित कर प्रशिक्षण का लाभ लेकर स्वरोजगार करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर निदेशक दिनेश कुमार, एफएलसी काउंसलर महेंद्र सिंह गैड़ा, मूल्यांकन अधिकारी शैलेंद्र सिंह मेहरा, संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार, चंद्रभानु उपस्थित रहे।

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