कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
हल्द्वानी। गुरूदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर की कर्मभूमि रामगढ़ (नैनीताल) में उनके सपनों के अनुरूप शांतिनिकेतन की स्थापना होने जा रही है। ट्रस्ट के प्रन्यासी प्रो. अतुल जोशी ने बताया कि 10 जून को विश्व-भारती, शांतिनिकेतन पश्चिम बंगाल की कार्यपरिषद ने सर्वसम्मति से निर्णय ले लिया है कि हिमालयी राज्य उत्तराखंड के रामगढ़ में जहां पर अपने प्रवास के दौरान गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर ने कालजयी ग्रंथ गीतांजलि की रचना की थी तथा जिसके लिए गुरूदेव सहित भारत एवं एशिया को साहित्य सृजन के लिए प्रथम नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ था, वहां पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय विश्व-भारती, शांतिनिकेतन का एक परिसर विकसित किया जायगा। कार्यपरिषद द्वारा पारित प्रस्ताव में ऋग्वेद के श्लोक ‘यात्रा विश्वं भवति एक नीदं’ (जहां दुनियाॅं एक घौंसला बन जाती है) का संदर्भ देते हुए कहा गया है कि गुरुदेव के मानवतावादी विचारों को विश्वभर में प्रसारित करने का अवसर प्राप्त होगा।
उक्त निर्णय को लेकर शांतिनिकेतन ट्रस्ट आॅफ हिमालया के प्रन्यासियों की बैठक हल्द्वानी में सम्पन्न हुई जिसमें रामगढ़ में केन्द्रीय विश्वविद्यालय विश्व-भारती, शांतिनिकेतन का एक परिसर स्थापित करने के प्रस्ताव पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसें रामगढ़ सहित कुमाऊं मंडल एवं उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया गया।
बैठक में सर्वसम्मति से शांतिनिकेतन ट्रस्ट आॅफ हिमालया के संरक्षक तथा केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री, भारत सरकार डा. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, कुलपति, अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, विश्व-भारती प्रो. विद्युत चक्रवर्ती एवं समस्त कार्यपरिषद सदस्य सहित क्षेत्रीय सांसद नैनीताल अजय भट्ट, क्षेत्रीय विधायक राम सिंह कैड़ा सहित प्रदेश सरकार एवं जन प्रतिनिधियों एवं स्थानीय जनता के प्रति आभार ज्ञापित किया गया।
देवेन्द्र ढेला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि विश्व-भारती के रामगढ़ में स्थापित होने वाले प्रस्तावित परिसर को केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री, भारत सरकार डा. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की प्रेरणानुरूप विश्वस्तरीय शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित करने के प्रयास किये जायेंगे जिसके तहत गुरूदेव के ग्रामीण पुनर्निर्माण के विकास माडल ‘श्रीनिकेतन’ की अवधारणा के अनुरूप उसमें स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग कर रोजगार सृजन एवं आत्मनिर्भर ग्रामीण व्यवस्था स्थापित करने के प्रयास किये जाएंगे। साथ ही राष्ट्रीय स्तर के गुड गर्वनेंस संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव किया गया। बैठक में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, उत्तराखंड गोविन्द सिंह कुंजवाल, नवीन वर्मा, हेमंत डालाकोटी, डा. एसडी तिवारी, डा. सुरेश डालाकोटी, डा. नवीन चन्द्र जोशी, देवेन्द्र बिष्ट केके पांडे, मनोज पांडे, शुभम डालाकोटी, विनोद जोशी आदि उपस्थिति थे।