जीनोम बायोलॉजी ऑफ अंडर यूटिलाइज्ड क्रॉप्स फोर फूड एंड न्यूट्रीशन सिक्योरिटी पर व्याख्यान
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत का कहना है कि शोधार्थी बेहतर शोध करें और अपना हौसला कभी न छोड़े। कहा कि शोध समस्याओं के निदान करने में कारगर है। यह बात कुलपति रावत ने शोध एवं विकास सेल की ओर से देवदार सभागार मानव संसाधन केंद्र में आयोजित ब्याख्यान कार्यक्रम के दौरान कही। इस दौरान डा. आलोक अरुण ने जीनोम बायोलॉजी ऑफ अंडर यूटिलाइज्ड क्रॉप्स फोर फूड एंड न्यूट्रीशन सिक्योरिटी पर व्याख्यान दिया। डा. आलोक अरुण यूएसए के पियुरो रीको विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर तथा विजिटिंग साइंटिस्ट हैं। डा. आलोक ने कहा कि शैवाल भोजन का भाग बन सकते हैं। इनमें कई गुण पाए जाते हैं जिससे सभी को पोषित भोजन मिल सके। कहा की वर्तमान में खाद्य सुरक्षा बड़ा सवाल है। इसे कैसे बेहतर करेंगे। कहा कि लिंगुरा को भोजन में शामिल करें। उन्होंने कहा की 80 हजार पौधे खाने योग्य है तथा 150 प्रजाति ज्यादा मात्रा में लगाई जाती हैं। भविष्य में हमंें अन्य चीजों का प्रयोग करना होगा। इस अवसर पर कुलपति तथा डॉक्टर आलोक अरुण का शॉल उड़ाकर तथा पुष्प गुच्छ भेटकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम का संचालन निदेशक शोध प्रो ललित तिवारी ने किया। इस मौके परं प्रो आशीष तिवारी ,प्रो दिव्य उपाध्याय, डा. रितेश साह, डा. महेंद्र राणा, अरविंद, शोध छात्र सहित तमाम लोग मौजूद थे।