बगीचे में खिला फूल

अब फल और फूल उत्पादन के रूप में पहचान बना रहा चम्पावत जिला

उत्तराखण्ड कारोबार चम्पावत ताजा खबर देश/विदेश

किसान उद्यान और बागवानी में दिखा रहे रुचि आर्थिकी हो रही मजबूत
चम्पावत। धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध चम्पावत जिला अब फूल और फल उत्पादन के रूप में भी पहचान बनाने लगा है। सरकार की योजनाओं के सहयोग से स्थापित बाग-बगीचे किसानों की आर्थिकी मजबूत कर रहे हैं। पालीहाउस और एप्पल मिशन योजना किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है।
जिला प्रशासन और उद्यान विभाग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आदर्श चंपावत की परिकल्पना को साकार करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
इसी के तहत सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जिले के कास्तकारों को दिया जा रहा है। उद्यान विभाग द्वकी ओर से चम्पावत जिले में बागवानी मिशन योजना व एप्पल मिशन योजना के तहत अनेक कार्य कर कास्तकारों को सीधे स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है।

लीज पर जमीन लेकर बागवानी कर रहे चार किसान

जिला उद्यान अधिकारी चंपावत टीएन पांडेय ने बताया कि जनपद के विकासखंड पाटी के ग्राम रायकोट महर में चार कृषकों राजीव कुमार, पुष्पा कुशवाहा, आशुतोष कुमार सिंह, कंचना जोशी द्वारा 1.60 हेक्टेयर(प्रति 0.40 हेक्टेयर) भूमि लीज पर लेकर पुष्प उत्पादन (लिलियम व कार्नेशन) एवं सेब सघन बागवानी का कार्य किया जा रहा है। जिसमें पन्द्रह सौ वर्ग मीटर पॉलीहाउस का निर्माण कार्य 80 प्रतिशत राज सहायता पर बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत कराया गया है। जिसमें वर्तमान में 30 हजार पौधे कार्नेशन पुष्प के रोपित किए गए हैं। इसके साथ ही किसानों द्वारा 0.40 हेक्टेयर क्षेत्रफल में एप्पल मिशन योजना अंतर्गत सेब सघन बागवानी का कार्य भी किया गया है।
इन कास्तकारों द्वारा बताया कि इसके अतिरिक्त अन्य शेष भूमि पर 1.30 लाख लिलियम पुष्प बीजों (ओरिएंटल, एशियाटिक) का रोपण कार्य भी उनके द्वारा किया गया है। जिनकी कटाई कर गाजीपुर पुष्प मंडी दिल्ली को भेजा जा रहा है। फूलों की खेती में लागत कम और लाभ अधिक मिलता है।
इस कार्य से स्थानीय लोगों की आजीविका सुदृढ़ होने के साथ साथ स्थानीय लोगों को भी रोजगार प्राप्त हो रहा है। सेब और फूलों की खेती से किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। साथ ही अच्छा मुनाफा मिलने से किसानों के चेहरे पर खुशियों की मुस्कान छा रही है।
जिला उद्यान अधिकारी चंपावत टीएन पांडेय ने बताया कि इसके अलावा किसानों को उद्यान विभाग द्वारा भी समय-समय पर तकनीकी जानकारी के साथ-साथ और औद्यानिक निवेश भी प्राप्त हो रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *