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आओ चलें आदि कैलाश यात्रा पर, कुमाऊं मंडल विकास निगम ने जारी किया यात्रा का प्लान

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कैलाश मानसरोवर की भांति ही आस्था का धाम है पिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि कैलाश
कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
हल्द्वानी। पिथौरागढ़ जनपद में स्थित भगवान शिव के धाम आदि कैलाश कैलाश का महत्व कैलाश मानसरोवर से कम नहीं है। बीते साल के नवम्बर में प्रधानमंत्री के आदि कैलाश और ऊं पर्वत के दर्शन के बाद यात्रियों और पर्यटकों का रुझान और भी बढ़ गया है। ऐसे में कुमाऊं मंडल विकास निगम नैनीताल ने आदि कैलाश की यात्रा कराने के लिए कार्यक्रम तय कर दिया है। सात से आठ दिन की यात्रा का खर्च करीब तीस से 40 हजार रुपये रखा गया है। इस खर्च में कुमाऊं मंडल विकास निगम यात्रा कराने के साथ ही यात्रियों को आवास, भोजन, और गाइड की सुविधा भी उपलब्ध कराएगा। यात्रा का संचालन 13 मई 2024 से नवम्बर माह के अन्त तक किया जायेगा। 
आदि कैलाश के अलौकिक दर्शन के साथ-साथ यात्री पार्वतीताल व गौरीकुण्ड के भी दर्शन यहां पर करते हैं। कुमाऊँ मण्डल विकास निगम यह यात्रा वर्ष 1991 से निरन्तर कराते आ रहा है। जो कि प्रत्येक वर्ष माह मई से नवम्बर के मध्य आयोजित की जाती है। वर्ष 2024 की यात्रा के संचालन की सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। यात्रा में प्रतिभाग करने के लिए यात्री निगम के जनसंपर्क कार्यालयों अथवा केन्द्रीय आरक्षण केन्द्र, नैनीताल के माध्यम से बुकिंग करा सकते हैं।

 

निगम अधिकारियों के अनुसार, पर्यटकों की सामान्य जानकारी हेतु दलवार कार्यक्रम, व्यवस्थायें, सुविधाएं, आवेदन प्रपत्र एवं दरों का निर्धारण कर लिया गया है। जिसे निगम ने अपनी वेबसाइट  http://www.kmvn.in पर प्रदर्शित करने के लिए अपलोड कर लिया गया है।

निगम अधिकारियों के अनुसार, यात्रा का संचालन 13 मई 2024 से नवम्बर माह के अन्त तक किया जायेगा। मई एवं जून में 60 दलों के माध्यम से यात्रा संचालित की जायेगी। जुलाई से नवम्बर तक अलग से दलों का निर्धारण किया जायेगा। प्रतिदल की क्षमता अधिकतम 35 यात्री निर्धारित की गई है। यात्रा के लिए आवास, भोजन की व्यवस्था निगम अपने आवास गृहों के माध्यम से उपलब्ध कराएगा। यात्रा के पढ़ाव काठगोदाम/टनकपुर के बाद पिथौरागढ़, धारचूला गुंजी/बूंदी/चैकोड़ी/ पाताल भुवनेश्वर/ गंगोलीहाट, लोहाघाट / एबट माउण्ट और भीमताल रहेंगे।

यह यात्रा काठगोदाम/टनकपुर से वाया भीमताल, कैंची, अल्मोड़ा, चितई, जागेश्वर, पिथौरागढ़, जौलजीबी, धारचूला, बूंदी, छियालेख, गर्बियांग, नपलच्यू, कालापानी, नाभीढांग (ओम पर्वत) होते हुए वापस गुंजी के बाद नाबी, कुट्टी, ज्योलिंगकांग (आदि कैलाश एवं पार्वती सरोवर) वापसी गुंजी, बूंदी, धारचूला, डीडीहाट, चैकोड़ी, पाताल भुवनेश्वर, शेराघाट, अल्मोड़ा, भीमताल होते हुए काठगोदाम में समाप्त होगी।

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