प्रशासन ने छापामार कर की कार्रवाई, संचालक नहीं दिखा पाया दस्तावेज
नैनीताल। प्रशासन ने नैनीताल के वीरभटटी में संचालित अवैध मदरसे को बंद करा दिया है। अवैध मदरसे में जानवरों से बदतर सलूक हो रहा था। अधिकांश बच्चे बीमारी की हालत में मिले। यहां न तो बिजली पानी की उचित व्यवस्था थी और न ही साफ-सफाई की उचित व्यवस्था दिखी। जिस पानी की टंकी से बच्चे पानी पीते थे, उसमें कीड़े और केंचुए तक मिले। मदरसा संचालक प्रशासन को दस्तावेज तक नहीं दिखा सका।
डीएम के आदेश पर रविवार को सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पहुंची टीम के समक्ष इसका खुलासा हुआ। मदरसे में 24 बच्चे बीमार हालत में मिले। प्रशासनिक टीम ने बच्चों के परिजनों को भी सूचना दी। यही नहीं प्रशासनिक टीम के समक्ष मदरसे में कैद बच्चों ने संचालक व उसके बेटे पर उनके साथ मारपीट व शोषण का आरोप लगाया। पुलिस मदरसा संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही है।
डीएम वंदना सिंह के आदेश पर रविवार को सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह के नेतृत्व में जिला प्रोबेशन अधिकारी, तहसीलदार, अपर जिला समाज कल्याण अधिकारी व पुलिस की टीम ने नैनीताल के समीपवर्ती वीरभट्टी स्थित मदरसे पर छापा मारा। इस दौरान मदरसा अवैध रूप से संचालित पाया गया। मदरसा संचालक संबंधित दस्तावेज नहीं दिखा पाया। टीम को 24 बच्चे कमरों के अंदर बीमार हालत में मिले। बच्चों के कमरों व रसोई में गंदगी पाई गई। टीम को कई और अन्य अनियमितताएं भी मिली हैं। यह बात सामने आयी कि बच्चों को परिवार के लोगों से मिलने नहीं दिया जा रहा था। टीम पर भरोसा होने के बाद बच्चों ने उनके समक्ष अपना दर्द बयां किया। आरोप लगाया कि मदरसा संचालक और उसका पुत्र उनके साथ मारपीट करते हैं। बच्चों ने मदरसा संचालक के पुत्र पर भी शोषण के गम्भीर आरोप लगाए। मदरसा संचालक के अपने को सही साबित करने की दलील पर अधिकारियों ने दस्तावेज मांगे तो वह कुछ भी नहीं दिखा पाए। जिसके बाद टीम ने बच्चों के परिजनों को कॉल कर मदरसे की स्थिति बताते हुए बच्चों को वापस घर ले जाने को कहा। इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी वर्षा आर्य, अपर जिला समाज कल्याण अधिकारी असलम अली, तहसीलदार संजय कुमार, एसओ रोहिताश सिंह सागर, एसआई नरेंद्र कुमार व अंजुला जॉन मौजूद रहे।