कूटा पदाधिकारियों ने सांसद अजय भटट को सौपां ज्ञापन
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय और इससे सम्बद्ध महाविद्यालयों में कार्यरत संविदा और अतिथि शिक्षक उचित मानदेय न मिलने से परेशान हैं। 57700 रुपये के मानदेय की घोषणा के बाद भी संविदा शिक्षकों को 35 हजार जबकि अतिथि शिक्षकों को 25 हजार रुपये का मानदेय ही दिया जा रहा है।
जबकि अन्य राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत संविदा/अतिथि शिक्षकों को 57700 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है।
कुमाऊँ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) नैनीताल ने केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री तथा सांसद अजय भटट से नैनीताल में शिष्टाचार मुलाकात कर उच्च शिक्षा के प्राध्यापकों की विभिन्न समस्याओं के निस्तारण के लिए ज्ञापन दिया। कूटा ने ज्ञापन के माध्यम विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में संविदा/अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य कर रहें शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति प्रदान करने की मांग की जिससे इनका भविष्य सुरक्षित हो। बताया कि अन्य राज्यों के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा यू जी सी के नियमानुसार 57700 प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड में उच्च शिक्षा मंत्री की घोषणा के बावजूद भी 35000/25000 रुपये मानदेय ही दिया जा रहा है। कूटा ने मांग की उत्तराखंड राज्य में भी यूजीसी के नियमानुसार 57700 रुपये प्रतिमाह मानदेय करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय को निर्देशित किया जाए।
वहीं बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल इस वर्ष अपनी स्थापना का 50वीं वर्षगांठ बनाने जा रहा है इस अवसर पर विश्वविद्यालय को नई सुविधाओं की स्थापना और विकास के लिए 50 करोड़ रुपए की धनराशि देने की मांग की। इसके साथ ही कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल का एक परिसर हल्द्वानी/खटीमा/रुद्रपुर में स्थापित करने की भी मांग की। इसके अलावा विभिन्न विभागों में स्ववितपोषित आधार पर संचालित पाठ्यक्रम के विषयों में पद स्वीकृत करने का भी मुददा उठाया। राज्य में लाखों कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रह है कूटा ने उनकी मांग को समर्थन देते हुए राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर की मांग भी की।
इस अवसर पर कूटा अध्यक्ष प्रो.ललित तिवारी और महासचिव डॉ.विजय कुमार ने ज्ञापन दिया।