अल्मोड़ा। लम्बे इंतजार के बाद सूरज को दुल्हनिया तो मिल गई है। परिजन भी अपनी जिम्मेदारी कम होने से सकून महसूस कर रहे हैं। मगर सूरज के सामने अपनी दुल्हन को घर लाने की टेंशन सता रही है। परिजन भी इसी उलझन में मारे-मारे फिर रहे हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव के मददेनजर अधिकांश वाहनों का प्रशासन ने अधिग्रहण कर लिया है। इससे सूरज और उसे परिजन दुविधा मेें हैं। यह परेशानी सिर्फ सूरज की ही नहीं बल्कि सूरज जैसे तमाम युवाओं की है जिनकी शादी लोकसभा चुनाव के मतदान 19 अप्रैल या उसके आसपास की तिथियों में तय हुई है। बारात कैसे जाएगी और दुल्हन कैसे लाई जाएगी, यह चिंता परिजनों की बनी हुई है।
अधिकतर केमू बस और टैक्सी वाहनों का लोकसभा चुनाव के लिए अधिग्रहण किया गया है। ऐसे में 16 से 21 अप्रैल तक यात्रियों को लेकर सड़कों पर दौडऩे वाले वाहनों की संख्या सीमित रहेगी। ऐसे में लोकसभा चुनाव की ड्यूटी से छूटे वाहनों के स्वामी वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए मनमाने किराये की मांग करने लगे हैं। इससे लोगां को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोकसभा चुनाव के चलते दूल्हा पक्ष के साथ ही दुल्हन पक्ष के लोगों की दिक्कत बढ़ गई है। उनके लिए वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराना चुनौती बन गया है। चुनाव के लिए वाहन अधिग्रहण होने से वर पक्ष को बरातियों के लिए वाहन मिलने मुश्किल हो गए हैं। लोग अनुमति के लिए परिवहन विभाग के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं।
अल्मोड़ा जिले में अब तक 86 लोगों ने बारात के लिए वाहनों की अनुमति देने के लिए परिवहन विभाग से गुहार लगाई है। जानकारी के अनुसार अल्मोड़ा जिले की छह विधानसभा सीट पर पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने और लाने के लिए 533 यात्री वाहनों का अधिग्रहण किया गया है। इसमें 211 रोडवेज, केमू बस और 322 टैक्सी शामिल हैं। वहीं पुलिस विभाग ने परिवहन विभाग को फोर्स को लाने और छोडऩे के लिए 312 वाहनों की मांग की है, इनके अधिग्रहण में विभाग जुटा है। परिवहन विभाग के मुताबिक रिजर्व के लिए भी 10 प्रतिशत वाहनों का अधिग्रहण किया गया है। ये सभी वाहन 16 से 20 अप्रैल तक चुनाव ड्यूटी में तैनात रहेंगे। मतदान तिथि पर 19 अप्रैल को जिले भर में 120 से अधिक वैवाहिक कार्यक्रम होने हैं। इससे दुल्हन के घर आवाजाही करने के लिए दूल्हा पक्ष को वाहन मिलने मुश्किल हो गए हैं।