सीएम धामी

उत्तराखंड में नई एमएसएमई नीति मंजूर, पहाड़ में उद्योग लगाने पर ज्यादा सब्सिडी

उत्तराखण्ड ताजा खबर देश/विदेश देहरादून
खबर शेयर करें

राज्य में निवेश के लिए राज्य सरकार ने बनाई हैं चार श्रेणियां
कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
देहरादून। प्रदेश की धामी सरकार ने पहाड़ से पलायन रोकने और स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने की दिशा में बढ़ा कदम उठाया है। पहाड़ में उद्योगों को प्रोसाहित करने के लिए मैदान से काफी अधिक सब्सिडी का प्राविधान किया गया है। इसके लिए राज्य में नई एमएसएमई नीति को मंजूरी दी गई है।
प्रदेश में क्षेत्र के हिसाब से निवेश के लिए नीति में चार श्रेणियां बनाई गई हैं। एमएसएमई नीति में विनिर्माण क्षेत्र के उद्योगों को सब्सिडी का लाभ मिलेगा, जबकि सेवा क्षेत्र को नीति से बाहर किया गया है।
नई एमएसएमई नीति में सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में नए उद्योगों में निवेश को प्रोत्साहित किया है। मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पहाड़ों में उद्योग लगाने में निवेशकों को सब्सिडी का ज्यादा फायदा मिलेगा। इससे पहाड़ों में नए उद्योग लगाने से रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही पलायन पर रोक लगेगी।

प्रदेश के जिलों को इस तरह बांटा हैं श्रेणियों में
ए श्रेणी-पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग व बागेश्वर
बी श्रेणी-अल्मोड़ा व पौड़ी जिले का संपूर्ण क्षेत्र, टिहरी जिले का पर्वतीय भू-भाग का क्षेत्र, नैनीताल जिले के भीमताल, धारी, बेतालघाट, रामगढ़, ओखलकांढा विकासखंड और देहरादून जिले का चकराता विकासखंड।
सी श्रेणी-टिहरी जिले का मैदानी क्षेत्र ढालवाला, तपोवन, मुनीकी रेती, फकोट विकास खंड, समुद्र तल से 800 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले मैदानी क्षेत्र रायपुर, सहसपुर, विकासनगर, कालसी, डोईवाला विकास खंड, नैनीताल जिले का कोटाबाग विकासखंड।
डी श्रेणी-हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिले का संपूर्ण क्षेत्र, समुद्रतल से 800 मीटर से कम ऊंचाई वाले नैनीताल जिले के रामनगर, हल्द्वानी, लालकुआं, कोटाबाग, रायपुर, सहसपुर, विकासनगर, कालसी, डोईवाला, नगर निगम देहरादून।
पर्वतीय क्षेत्रों में स्टांप शुल्क में शत प्रतिशत छूट
ए व बी श्रेणी के क्षेत्रों में नए उद्योग लगाने पर स्टांप शुल्क में सौ प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी। जबकि सी श्रेणी में 75 प्रतिशत और डी श्रेणी में 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी।

Hosting sale

श्रेणीवार उद्योगों को इस तरह दी जाएगी सब्सिडी
श्रेणी सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योग
ए श्रेणी 50 लाख 1.60 करोड 4 करोड़
बी श्रेणी 40 लाख 1.20 करोड 3 करोड़
सी श्रेणी 30 लाख 80 लाख 2 करोड़
डी श्रेणी 20 लाख 60 लाख 1.50 करोड़

जेड प्रमाणीकरण पर उद्योगों को इतना मिलेगा नकद पुरस्कार
जेड प्रमाणीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए नीति में नकद पुरस्कार का प्रावधान किया है। जिसमें गोल्ड प्रमाणीकरण वाले उद्योग को 75 हजार, सिल्वर को 50 हजार और ब्रांज प्रमाणीकरण प्राप्त करने वाले उद्योग को 25 हजार रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

Follow us on WhatsApp Channel

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *