बिना पूर्व सूचना और बिना कार्य योजना साझा किए खोदने पर होगी सख्त कार्रवाई
रुद्रपुर। आमतौर पर होता यह है कि सरकारी विभाग विकास कार्य करने के उददेश्य से सड़कों और मार्गो का निर्माण करती हैं। लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही कुछ एजेंसियां विभिन्न प्रकार की लाइन या केबिल बिछाने के नाम पर हाल ही में बनी सड़कों को खोद डालती हैं। ऐसे में प्रशासन को दोबारा सउ़क निर्माण करना पड़ता है। इससे सरकारी धन की बर्बादी होती है। अब उधमसिंहनगर के जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने सरकारी धन की बर्बादी रोकने की दिशा में सख्त कदम उठाया है। आदेश के तहत सड़कों में लाईन या केबिल बिछाने वाली एजेन्सियां को पूर्व में जिला प्रशासन को सूचना देनी होगी, जिससे विभाग आपसी तालमेल के बाद विकास कार्यो को कर सकें। लाइन या केबिल बिछाने वाली एजेंसियों को अब समय से अपना प्रस्ताव सम्बन्धित स्थानीय प्राधिकारी यथा लोक निर्माण विभाग, नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायतों को उपलब्ध कराकरएवं उसकी एक प्रति सम्बन्धित उप जिलाधिकारियों को भी उपलब्ध करानी होगी। पूूर्व में सूचना उपलब्ध हो जाने पर संबंधित विभाग लाइन या केबिल बिछाने के बाद ही निर्माण कार्य करेगा जिससे कि बाद में सड़क को खोदना ही न पड़े।
बार-बार सरकारी धन की हो रही बर्बादी को देखते हुए जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने सख्त कदम उठाते हुए कड़े निर्देश दिए हैं। आदेश का पालन न करने वालों को कड़ी कार्रवई की चेतावनी दी गई है।
आदेश में यह लिखा गया है
जारी आदेश में कहा है कि वर्तमान में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने हेतु अनेकों बड़ी योजनाओं/ध्वजवाहक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। आम जनमानस के जीवन को सुगम बनाने की दिशा में शासन निरन्तर प्रसासरत है। इन विकास कार्यों के सम्पादन के दौरान अनेकों स्थानों पर पूर्व से निर्मित / हाल में ही निर्मित अनेकों संरचनाओं को बड़ी ही जल्दी खुदाई द्वारा तोड़ दिया जाता है। सड़कों के किनारे एवं कहीं-कहीं सड़कों के मध्य भाग से ही अंडर ग्राउंड सीवर वाटर, केविल लाईनें, गैस पाईप लाईन, दूर संचार से सम्बन्धित केविल लाईनों को बिछाने हेतु सड़कों के किनारे या सड़को पर ट्रंच पिट बनाया जाता है एवं बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्य योजना के तहत ही कार्य प्रारम्भ कर दिया जाता है एवं कहीं-कहीं सड़के हाल या साल के 06 माह में ही निर्मित/ सुढढ़ीकरण की जाती हैं। ऐसी स्थिति में पुनः उन सड़कों को बनाया जाना सीधे तौर पर शासकीय धन का अपव्यय ही माना जायेगा। यदि विभाग आपसी तालमेल एवं समन्वय से यह सुनिश्चित कर लें कि आगामी साल भर में या 06 महिने में सम्बन्धितों द्वारा सड़क पर उपरोक्तानुसार अंडर ग्राउंड कार्य किये जाने हैं, तो स्थानीय प्राधिकारी यथा लोक निर्माण विभाग, नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायतें उन सड़कों का निर्माण अंडर ग्राउंड केबिल, पाईप लाईप डाले जाने के उपरान्त ही कराते। किन्तु आपसी तालमेल न होने से विषम स्थितियां पैदा हो जाती हैं और नई-नई सड़कों को खोद दिया जाता है और जिन्हें लम्बे समय तक उनका पुर्ननिर्माण भी नहीं किया जाता है। इससे एक तरफ आम जन मानस को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है और वहीं दूसरी ओर सड़कों के पेंच वर्क कराने से मजबूती भी नहीं रहती है।