नेशनल जूट बोर्ड मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल के सहयोग से निर्मला संस्था दे रही निशुल्क प्रशिक्षण
अल्मोड़ा। समय-समय पर कपड़ों के डिजाइन और रंग रूप में परिवर्तन होता रहता हैै इन दिनों बाजार में ऊन और जूट के कपड़े भी नजर आने लगे हैं। ऊन मिश्रित जूट के कपड़े जाड़ों में काफी पसंद किए जाते हैं। ये आकर्षक होने के साथ ही ऊनी कपड़ों के मुकाबले थोडे़ सस्ते भी होते हैं। महिलाओं कोे ऊन और जूट के कपड़े तैयार कर स्वरोजगार स्थापित कराने के उददेश्य से अल्मोड़ा के मंगलदीप स्कूल में नेशनल जूट बोर्ड, मिनिस्ट्री आफ टैक्सटाइल के सहयोग से निर्मला सोशल रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी 20 महिलाओं को वुलनाइज्ड जूट बनाने का प्रशिक्षण दे रही है।
निर्मला सोशल रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के निदेशक संजीव भटनागर ने बताया कि 30 सितम्बर से अल्मोड़ा में दस दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण शुरू हो गया है। इसमें स्थानीय 20 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बताया कि प्रशिक्षण के दौरान ऊन और जूट को मिलाकर स्वेटर, पंखी, स्कार्फ, दन, शाॅल, मफलर, स्टाफल, बैग सहित कई तरह के कपड़े बनाना सिखाया जाएगा। महिलाएं भी रुचिपूर्वक प्रशिक्षण ले रही हैं। प्रशिक्षण का शुभारम्भ मुख्य अतिथि कर्नल रविन्द्र नाथ पांडे और मंगलदीप स्कूल की प्रधानाचार्य भारती पांडे ने संयुक्त रूप से किया। हैंडीक्राफ्ट मास्टर ट्रेनर स्वप्न दत्ता और भूपेंद्र सिंह महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
इस अवसर पर संस्था निदेशक संजीव भटनागर ने महिलाओं को रोजगार का महत्व बताते हुए स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया।
इस दौरान वाइस प्रिंसिपल किरन, जानकी, पूजा जीना, प्रशिक्षार्थी महिलाएं, 25 दिव्यांग बच्चे और समस्त स्कूल स्टाफ मौजूद रहा।