विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125 वीं वर्षगांठ पर संगोष्ठी आयोजित
नैनीताल। कुविवि हरमिटेज का नाम बदलकर अब स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखा जाएगा। यह घोषणा विवि के कुलपति डा. प्रो. केएस राणा ने में सोमवार को स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125 वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्वामी विवेकानंद पीठ व रामकृष्णा कुटीर अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी के दौरान कही। हरमिटेज भवन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कुलगीत व दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। स्वागत उद्बोधन में पीठ के सदस्य सचिव प्रो. अतुल जोशी ने स्वामी विवेकनंद के उत्तराखंड में भ्रमण का विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुये उन्होंने काकड़ीघाट को शून्य व ब्रहांम्ड की ज्ञान प्राप्ति का स्रोत बताया। इस अवसर पर रामकृष्ण कुटीर के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवीय साह नंद ने कहा कि मनुष्य में संवेदनाओं के विकसित हुये बिना व्यक्तित्व विकास नहीं हो सकता। लिहाजा उन्हें सर्वप्रथम अपनी संवेदनशीलता बनायी रखनी होगी। जीवन वहीं है जो दूसरों के काम आये।
अंतर निहित शक्तियों का आत्मज्ञान जरूरी: सुखीदानंद
नैनीताल। विशिष्ट अतिथि अद्धैत आश्रम मायावती के स्वामी सुखीदानंद ने कहा कि व्यक्ति के विकास के लिये आत्म विश्वास महत्वपूर्ण है। अवसाद का शिकार वही व्यक्ति होता है जिसे अपनी अंतर निहित शक्तियों का आत्मज्ञान नहीं होता है। उन्होंने विवेकानंद को युवाओं की प्रेरणा बताते हुये उनके आदर्श पर चलने की अपील की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर आयुक्त खाद्य सुरक्षा सुचिस्मिता सेन पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी जी के के दर्शन व आत्मसात किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि विवेका नंद ने अपने जीवन को आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, आत्मज्ञान, आत्म संयम तथा आत्म त्याग पांच सूत्रों में पिरोकर मानवता की सेवा की। युवाओं को उनके जीवन का आधार बनाना चाहिये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये कुविवि के कुलपति प्रो. केएस राणा ने युवाओं को आह्वान किया कि उन्हें विपरीत परिस्थितियों में विचलित न होकर अपने अंतिम लक्ष्य को पाने के लिये लगातार प्रयास करना चाहिये।


युवाओं का चरित्र विकास करना जरूरी: राणा
नैनीताल। कुलपति राणा नेे हरमिटेज भवन का नाम स्वामी विवेकानंद भवन करने की घोषणा करते हुये कहा कि स्वामी विवेकानंद पीठ का लक्ष्य केवल किताबी ज्ञान प्रदान करना नहीं बल्कि युवाओं का चरित्र विकास करना होगा। इससे पूर्व आईपीएसडीआर की छात्राओं प्रेरणा साह, शीबा अहमद, रिचा पांडे, अम्बिका तोमर, अराफीन हसन ने स्वामी विवेकानंद एवं व्यक्तित्व विकास युवाओं के विशेष संदर्भ में विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर प्रो. एलएम जोशी, प्रो. नीता बोरा शर्मा, प्रो. अनिल जोशी, प्रो. शेखर जोशी, डा. सुचेतन साह, प्रो. बीडीएस नेगी, वैशाली बिष्ट व छात्र -छात्राएं मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डा. दिव्या उपाध्याय ने किया।
