बैठक लेते कमिश्नर दीपक रावत

जमरानी बांध: अब 3756 करोड़ आएगी बांध परियोजना की लागत

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महंगाई के चलते 2018 के मुकाबले करीब 12 सौ करोड़ रुपये अधिक होंगे खर्च
हल्द्वानी। निर्माण सामग्री के दामों में वृद्धि का असर अमृतपुर हल्द्वानी में बनने वाले जमरानी बांध परियोजना पर भी पड़ेगा। जमरानी बांध परियोजना की 2018 में लागत 2548 करोड़ प्रस्तावित की गई थी। अब इस परियोजना के निर्माण में 3756 करोड़ का बजट खर्च होगा। जो 2018 के मुकाबले 12 सौ करोड़ अधिक है।
यह जानकारी महाप्रबन्धक जमरानी बांध परियोजना प्रशांत बिश्नोई ने बीते दिन कुमाऊँ आयुक्त दीपक रावत की ओर से ली गई बैठक के दौरान दी। इस दौरान कमिश्नर रावत ने जमरानी बांध परियोजना की बैठक लेेते हुये कहा कि लम्बे समय से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के स्तर से मानिटरिंग हो रही थी इस प्रोजेक्ट की अन्तिम पुनर्वास नीति कमिश्नर लेवल पर फाइनल होने के पश्चात जमरानी बांध ड्रीम प्रोजेक्ट की स्वीकृति से जनपद नैनीताल एवं उधमसिंह नगर में सिंचाई की समस्या के साथ ही हल्द्वानी शहर में पेयजल व्यवस्था दुरूस्त होगी।
आयुक्त ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना से 6 गांवों के 1261 परिवार प्रभावित हुये थे। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को 300.5 एकड भूमि प्रयाग फार्म उधमसिंह नगर में प्रस्तावित है, प्रभावित परिवारों को भूखण्ड आवंटित करने की प्रक्रिया गतिमान है।
बैठक में महाप्रबन्धक जमरानी प्रशांत बिश्नोई ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना की प्रस्तावित लागत वर्ष 2018 में 2548.1 करोड़ थी जो वर्तमान में इस योजना की लागत बढकर लगभग 3756.00 करोड की हो चुकी है शेष लगभग 12 सौ करोड धनराशि हेतु शासन को पत्र प्रेषित किया चुका है। उन्होंने कहा जमरानी बांध परियोजना से जनपद नैनीताल के 196 गांव एवं उधमसिंह नगर के 172 गांवों में किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध मिलेगा। उन्होंने परियोजना से 63.4 मिलियम यूनिट विद्युत का उत्पादन होगा। बांध की ऊंचाई नदी की सतह से 130.60 मीटर होगी साथ ही बांध में जलधारण की क्षमता 208.6 मिलियन घन मीटर है। उन्हांेने कहा कि यह प्रोजेक्ट 2028 तक पूर्ण कर लिया जायेगा।
आयुक्त ने कहा कि महाप्रबन्धक जमरानी प्रोजेक्ट पर अन्य कार्यवाही शीध्र करें ताकि टेंडर प्रक्रिया जल्द प्रारम्भ की जा सके।
बैठक में महाप्रबन्धक जमरानी प्रोजेक्ट प्रशांत बिश्नोई अधिशासी अभियंता भरत भूषण पाण्डे, अधीक्षण अभियंता सिचाई संजय शुक्ला, संयुक्त निदेशक राजेन्द्र तिवारी के साथ ही सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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