सरकार में चाहते हैं संगठन का प्रतिनिधित्व
विनोद पनेरू
रुद्रपुर। सरकार से उपेक्षित महसूस कर रहे पूर्व सैनिकों में जबरदस्त गुस्सा है। पूर्व सैनिकों, अर्द्धसैनिक बलों, वीरांगनाओं, ग्रामीण व किसानों के हित में काम न होने से वे खफा हैं। उनका साफ-साफ यह कहना है कि सरकार में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में वे अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए पंचायत चुनाव के मैदान में उतर सकते हैं। जल्द ही इसमें निर्णय लीे लिया जाएगा।
पूर्व सैनिक लीग संगठन के अनुसार उधमसिंहनगर जिले मेें ही करीब 18 हजार से अधिक पूर्व सैनिक हैं। पूर्व सैनिकों की कई लम्बित मांगे हैं। पूर्व सैनिक हैं तो मान-सम्मान मिलना भी लाजिमी है। मगर संगठन का कहना है कि पूर्व सैनिकों की सरकार बिल्कुल अनदेखी कर रही है। मांगों पर न तो सुनवाई हो रही है न सार्वजनिक कार्यक्रमों में भागीदारी का अवसर दिया जा रहा है।
उपेक्षित कर दिया पूर्व सैनिकों को: कार्की
पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष रिटायर्ड सूबेदार मेजर खड़क सिंह कार्की ने हिंदी समाचार पोर्टल कुमाऊ जनसंदेश को बताया कि कैंटीन और ईसीएचएस की मांगों का निराकरण नहीं हो रहा है। पूर्व सैनिकों का सरकार में प्रतिनिधित्व न होने के कारण मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मांगों के ज्ञापनों की भी सरकार अनदेखी कर रही है। राजनैतिक दल एक-दूसरे में आरोप-प्रत्यारोप लगाने तक ही सीमित हैं। कहा कि सरकार में पूर्व सैनिकों को पर्याप्त मान-सम्मान नहीं मिल रहा है, साथ ही उपेक्षित भी कर दिया जा रहा है। कहा कि क्षेत्र का किसान, ग्रामीण हर कोई समस्याओं से त्रस्त है। पूर्व सैनिकों का प्रतिनिधित्व करने व ग्रामीणों व किसानों की आवाज बनने के लिए संगठन पंचायत चुनाव लड़ने का मन बना रहा है। जल्द ही संगठन पदाधिकारियों की बैठक कर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। कहा कि पूर्व सैनिक अपने को किसी हाल में उपेक्षित नहीं होने देंगे।
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