पेट में दर्द और जलन होते हैं शुरुआती लक्षण
हल्द्वानी। पेप्टिक अल्सर सामान्य भाषा में आंतों की परतों में होने वाले छालों या घावों को कहा जाता है। इस रोग में पेट में लगातार दर्द और जलन रहती है। अल्सर का समय पर उपचार किया जाए तो इस कुछ ही दिनों में सही हो जाता है। वहीं समय पर उपचार न होने पर आपरेशन तक की नौबत आ जाती है। गैस्टिक की दवा लेने पर कुछ समय तक यह दिक्कत दूर हो जाती है। होम्योपैथी मेें इसका कारगर इलाज है।
ज्यादा शराब व गरिष्ठ भोजन नुकसानदायी: डा. पांडेय
भोलानाथ गार्डन स्थित साहस होम्यापैथिक क्लीनिक के संचालक डा. एनसी पांडेय ने बताया कि पेट फूलना, पेट में दर्द, गैस बनता, उल्टी में खून आना, मल में गाढ़ा खून आना, जी मचलाना या उल्टियां होना, वजन घटना, भूख न लगना, बिना खाये पेट भरा जैसा लगना आदि प्रमुख लक्षण हैं। डा. पांडेय बताते हैं कि अधिक मात्रा में धूम्रपान व शराब का सेवन, ज्यादा मिर्च मसाले का गरिष्ठ भोजन और ज्यादा तनाव मेें रहना भी इस रोग के लक्षण हैं। डा. पांडेय ने बताया कि होम्योपैप्कि मेें अल्सर का सुरक्षित और कारगर इलाज है। इसमें रोगी को नियमित दवा लेनी होती है और खाली पेट नहीं रहना होता है। बताया कि समय-समय पर हल्का भोजन जरूष्र करना चाहिए। बताया कि इस रोग से पीड़ित व्यक्ति उनसे आकर परामर्श ले सकते हैं।
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