हल्द्वानी। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कहा कि दमुवाढूंगा में लोगों के मालिकाना हक को लेकर भाजपा केवल छलावा कर रही है। जबकि असलियत तो यह है कि भाजपा ने दमुवाढूंगा के लोगों से उनका मालिकाना हक छीनने का काम किया है। मालिकाना हक दिलाने का काम कांग्रेस ने साल 2016 में ही कर दिया था और केवल सर्वेक्षण का काम बचा था। जैसे ही भाजपा की सरकार बनी उसने 2019 में जीओ जारी कर सर्वेक्षण पर रोक लगा दी। भाजपा का दोहरा चरित्र जनता समझ चुकी है।
पॉलीशीट स्थित कार्यालय में रविवार को प्रेस वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कहा कि भाजपा के एक विधायक कुछ लोगों के साथ कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत के पास गए और उनसे कहा कि दमुवाढूंगा के लोगों को मालिकाना हक दिलाया जाए। यह भाजपा का दोहरा चरित्र है। भाजपा सरकार ने जब जीओ जारी करके दमुवाढूंगा में 596 हेक्टेयर भूमि के सर्वेक्षण पर रोक लगाई उसके बाद मेरे द्वारा एक पीआईएल हाईकोर्ट में दायर की गई और अब यह मामला हाईकोर्ट में अपने अंतिम चरण में है। हमें पूरा विश्वास है कि हाईकोर्ट से दमुवाढूंगा वालों के हक में फैसला आएगा।
उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत कुमाऊं आयुक्त से जवाहर ज्योति- दमुवाढूंगा मालिकाना दिलाने की फरियाद कर रहे है, जिस पर उन्हीं की सरकार ने रोक लगा रखी है। बेहतर होता विधायक अपनी ही सरकार से 13 मई 2020 को जारी शासनादेश को वापस लेने की सिफारिश करते ताकि दमुवाढूंगा के लोगों के मालिकाना हक मिलने की प्रक्रिया शुरू हो पाती। जो मामला न्यायालय में विचाराधीन है, उस मामले को लेकर कुमाऊं आयुक्त के पास भाजपा विधायक जाना समझ से बाहर है। बल्यूटिया ने आरोप लगाया कि भाजपा निकट में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर राजनीति कर रही है।
दमुवाढूंगा में कुल 626 हेक्टेयर वन भूमि का मसला था जिसमें 30 हेक्टेयर भूमि ही रिजर्व भूमि घोषित की गई थी। इसके बाद ही बाकी जमीन का सर्वेक्षण काम होना था। भाजपा ने सर्वेक्षण नहीं कराने के लिए केवल एक पटवारी की रिपोर्ट का सहारा लिया था जिसमें कहा गया था कि यहां पर सर्वेक्षण नहीं होना था। वार्ता के दौरान तेज राम, मोहन राम, किशन टम्टा, जीवन तिवारी, महेशानंद, जगदीश भारती, राहुल कीर्ति आदि मौजूद रहे।