कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर नैनीताल में स्टेटस एंड ऑपच्र्युनिटी इन मेडिकल प्लांट रिसर्च एंड नैचुरल प्रोडक्ट विषय पर शोध एवम् प्रसार निदेशालय ,कुमाऊं विश्विद्यालय नैनीताल द्वारा आयोजित एवम् यु- कॉस्ट द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के दिनांक 6 एवम् 7मार्च 2021के प्रथम दिन संगोष्ठी का उदघाटन प्रो.रणवीर सिंह रावल, निदेशक, भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान कोसी कटार मल, अल्मोड़ा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एन.के.जोशी ने की। अतिथियों का स्वागत परिसर निदेशक प्रो. एल . एम.जोशी ने किया।
संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो. एससी सती ने संगोष्ठी के विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। प्रथम दिन के प्रथम सत्र में औपचारिक उदघाटन के बाद विषय के मुख्य वक्ता प्रो.रणवीर सिंह रावल ने मेडिकल प्लांट के महत्व को विस्तार से बताया गया। उनके द्वारा हिमालयन एरिया में पैदा होने वाले विभिन्न प्रजातियों के औषधीय पौधों की उपयोगिता एवम् उसके व्यवसायिक एवम् रोजगार के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
राज्य में 1053 गांव घोस्ट विलेज बन चुके: रावल
प्रो.रावल ने बताया कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र से लगातार पलायन होता जा रहा है तथा अधिकतर गांव मानव विहीन हो चुके हैं जिन्हें घोस्ट विलेज के नाम से जाना जाने लगा है जिनकी संख्या 1053 है। ऐसे अधिकतर गांवों की जनसंख्या 10 से कम हो चुकी है। ऐसे क्षेत्रों के लिए मेडिकल प्लांट वरदान साबित हो सकते हैं, क्योंकि मेडिकल प्लांट की खेती बहुत कम क्षेत्रफल में अधिक लाभदायक होती है, तथा इनकी कीमत परम्परागत खेती से अधिक होती है। साथ ही कम लागत से अत्यधिक लाभ कमाया जा सकता है।
प्रो. आई. डी.भट्ट, राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान कोसी कटार मल अल्मोड़ा के द्वारा द्वितीय सत्र में मेडिकल प्लांट की शोध में उपयोगिता विषय पर प्रकाश डाला तथा युवा शोधार्थियों को शोध की बारीकियों से अवगत कराया। प्रो.ओमप्रकाश, पंत नगर विश्वविद्यालय ने प्राकृतिक उत्पाद विषय पर अपना व्याख्यान दिया गया तथा इसके सामान्य जीवन में उपयोग पर प्रकाश डाला गया। साथ ही उत्तराखण्ड को हर्बल स्टेट के रूप में विकसित करने पर महत्व दिया गया। डा. संतोष कुमार, बायोटेक्नोलॉजी विभाग भीमताल परिसर ने लाईकैन के औषधिय उपयोगिता पर प्रकाश डाला, उन्होंने कैंसर सेल के विषय में बताया तथा युवा शोधार्थियों को शोध की जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन प्रो.ललित तिवारी ने किया। संगोष्ठी में प्रो.अतुल जोशी संकायाध्यक्ष वाणिज्य, प्रो .लता पांडेय, प्रो. एल. एस.लोधियाल, प्रो. एचसी एस बिष्ट, प्रो.गिरीश रंजन तिवारी, डा. नीलू लोधियाल, डा.सुषमा टम्टा, डा.अनिल बिष्ट, डा.हर्ष चैहान, डा.कपिल खुल्बे, डा.गीता तिवारी, डा.आशीष तिवारी, डा. पेनी जोशी, डा.सुचेतन साह, डा.विजय कुमार, डा.महेश आर्या, डा.आशीष तिवारी, डा.दीपिका गोस्वामी, डा.हिमांशु लोहनी, डा.नवीन पांडेय, दीपक बिष्ट, शीतल कोरंगा, दिशा पांडेय, पीयूष पांडेय, गीतांजलि उपाध्याय, वसुंधरा लोधियाल, नेहा चोपड़ा, डा. प्रभा पंत, डा.महेश आर्या, अंजलि आदि थे।