विभाजन के दौरान बलिदान लोगों के लिए आयोजित श्रद्धांजलि हवन यज्ञ में किया प्रतिभाग
रुद्रपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को काशीपुर रोड़, रूद्रपुर, उधम सिंह नगर स्थित एक निजी होटल में अयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने बंगाली संस्कृति पर आधारित स्टालों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने विभाजन के दौरान बलिदान हुए लोगों की आत्मिक, शांति एवं श्रद्धांजलि के लिए हवन यज्ञ में भी प्रतिभाग किया। साथ ही विभाजन विभीषिका पर आधारित लघु फिल्म का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊधमसिंह नगर में बंगाली समुदाय के लिए विशिष्ट बंग भवन नाम से एक सामुदायिक भवन का निर्माण किए जाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अपनी मातृ भाषा में पठन का प्रावधान है, बंगाली समुदाय भी अपनी भाषा मे शिक्षा ले सके, इस दिशा में कार्य किया जाएगा। बंगाली अनुसूचित जाति के समुदाय को उत्तराखंड में भी एससी का दर्जा मिल सके, इस संबंध में केंद्र को पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव की कमियों को दूर करते हुए पुनः केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस पर विभाजन का दंश झेलने वाले व्यक्तियों को नमन करते हुए कहा कि विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस दिन भारत दो देशों में विभाजित हुआ। एक ओर 1947 को आजादी का जश्न मना रहे थे किंतु दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दुःख सहा है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कारण सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ। लाखों लोग इधर से उधर हुए उनका घर-बार छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं। भारत के लिए यह किसी विभीषिका से कम नहीं थी। वर्ष 2021 में इसी दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को ’’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ मनाने का निर्णय लिया। तब से यह दिन मनाया जा रहा है, जिससे हम अपने उन लाखों सेनानियों व परिवारजनों से बिछड़े लोगों के बलिदान को याद कर सके।
केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में बंगाल से अपने देश वापस लौटे लोगों के प्रमाण पत्रों से पूर्वी पाकिस्तान शब्द को हटाए जाने का कार्य भी हुआ है। पूर्वी पाकिस्तान शब्द गुलामी का प्रतीक था जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।
केंद्रीय राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने इस देश की आजादी के लिए विभाजन का दंश झेला है। बीते 75 सालों में संविधान में कई बदलाव किए गए परंतु पहली बार इतिहास में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सीएए जैसा कानून लाकर पलायन कर भारत लौटे अनगिनत नागरिकों को नागरिकता देने का काम किया है। उन्होंने कहा डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान को यह देश हमेशा याद रखेगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना पूरी हो रही है।
कार्यक्रम का संचालन तरुण दत्ता व लक्ष्मी देवी ने किया। इस दौरान कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, मेयर रामपाल सिंह, कार्यक्रम संयोजक एवम विधायक शिव अरोड़ा, मतुआ सम्प्रदाय से हरीचांद ठाकुर, विधायक अरविंद पांडे, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, भाजपा नेता कमल जिंदल, जिलाधिकारी उदय राज सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी, सीडीओ विशाल मिश्रा, जिला विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष हरीश कांडपाल, अपर जिलाधिकारी जयभारत सिंह, प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, पुष्कर काला, कार्तिक राय, सुदर्शन बिस्वास, शैलेंद्र मोहन, मुकेश कुमार, उपजिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्र, मनीष बिष्ट , उत्तम दत्ता, शंकर चक्रवर्ती, अजित बिस्वास, सुनील हालदार, समीर राय, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।