प्याज

अब प्याज दिखाने लगा अपना रंग, 80-90 रुपये प्रति किलो तक होने का अनुमान

उत्तराखण्ड कारोबार कृषि खानपान ताजा खबर देश/विदेश नैनीताल

हल्द्वानी में भी पिछले दिनों के मुकाबले महंगा हो गया है प्याज
हल्द्वानी/नई दिल्ली। पिछले महीने तक टमाटर के दामों ने रसोई का बजट बिगाड़ा था। बड़ी मुश्किल से टमाटर के दाम सामान्य हुए तो अब प्याज अपना रंग दिखाने लगा है। 20 रुपये किलो में मिल रहा प्याज अब 35 से 40 रुपये प्रति किलो के दाम पर पहुँच गया है। वहीं प्याज के दाम में अभी और वृद्धि होने की आशंका है।
प्याज कीमतों में यह वृद्धि नासिक में प्याज के थोक व्यापारियों की हड़ताल के कारण हुई है। यदि व्यापारियों की हड़ताल जल्द नहीं टूटी तो प्याज एक बार फिर 80-90 रूपये किलो तक जा सकती है। हालांकि, सरकार प्याज के थोक व्यापारियों की उस नापाक गठजोड़ को हमेशा के लिए तोड़ने की योजना बना रही है जिसके कारण प्याज की कृत्रिम कमी पैदा कर आम उपभोक्ताओं से ऊंची कीमत वसूली जाती है।

दरअसल, प्याज की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। इसे कम करने के लिए सरकार ने नैफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कन्ज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी एनसीसीएफ के माध्यम से किसानों से सीधे प्याज की खरीद शुरू कर दी। इस प्याज को आम उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जाने लगा। इससे बाजार में प्याज की कीमतें नहीं बढ़ने पा रही थीं।
प्याज के थोक व्यापारियों का आरोप है कि नैफेड और एनसीसीएफ सीधे किसानों से प्याज की खरीदी कर रहे हैं और खुदरा व्यापारियों तक उस कीमत में पहुंचा रहे हैं जो उनकी खरीद कीमत से भी कम है। यह अंतर 500 से 700 रूपये तक है। ऐसे में उन्हें हर क्विंटल प्याज बेचने पर घाटा हो रहा है। उनका कहना है कि जब तक सरकार सीधे किसानों से प्याज की खरीद बंद नहीं करती, उनकी हड़ताल जारी रहेगी।

पहले किसानों से फसल खरीदने और इसे बेचने के बदले में व्यापारी किसानों से चार प्रतिशत तक का कमीशन लेते थे। लेकिन सरकार ने यह कमीशन बंद कर दिया है। आरोप है कि इससे भी थोक व्यापारियों को घाटा बढ़ा है। व्यापारियों की मांग है कि इस कमीशन को दुबारा शुरू करने की अनुमति दी जाए जिससे उन्हें घाटा न हो। व्यापारियों और सरकार के बीच बातचीत होने से पहले इस स्थिति का समाधान निकलना मुश्किल है।

Follow us on WhatsApp Channel

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *