सुनील कुमार पंत

नई एमएसएमई: अब एक बार नहीं किश्तों में मिलेगी सब्सिडी

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नई नीति को पांच की जगह चार श्रेणियों में विभाजित किया
हल्द्वानी। प्रदेश में उत्तराखंड सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम उद्यम नीति (एमएसएमई-2023) लागू हो चुकी है। अब उद्योग विभाग नई एमएसएमई नीति-2023 के तहत ही उद्यमियों और उद्योगों को सुविधाएं प्रदान करेगा। नई नीति में सब्सिडी अब एक बार नहीं मिलेगी बल्कि किश्तों के रूप में प्रदान की जाएगी।

जिला उद्योग केन्द्र हल्द्वानी के महाप्रबन्धक सुनील कुमार पंत ने बताया कि पिछले माह से प्रदेश में नई औद्योगिक नीति लागू हो चुकी है। नई नीति में प्रोजेक्ट पूरा होने पर वन टाइम की सब्सिडी की जगह अब किस्तों में अनुदान देने का प्राविधान किया गया है। यही नहीं, नई नीति में स्लैब में बदलाव करते हुए पांच की जगह चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए योजना में पूंजीगत उपादान और ब्याज भी बढ़ाया गया है। ए और बी श्रेणी में पर्वतीय जिलों को और सी और डी श्रेणी में अधिकतर मैदानी क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

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महिला उद्यमी अति प्राथमिक श्रेणी में शामिल
अगस्त में बनी नई नीति में बड़ा बदलाव करते हुए एक करोड़ तक के निवेश में सब्सिडी सूक्ष्म श्रेणी के उद्योगों में दो साल के भीतर दो किश्तों में मिला करेगी। एक करोड़ से 50 करोड़ तक के निवेश में पांच साल के भीतर पांच किश्तों सब्सिडी मिलेगी। नया नियम यह भी है कि प्राथमिक और अति प्राथमिक श्रेणी में विनिर्माणक उद्यम नेचुरल फाइबर, एक जिला दो उत्पाद में चिह्नित उत्पाद, जीआई टैग प्राप्त उत्पादों के विनिर्माणक उद्यम, खाद्य प्रसंस्करण उद्यम में निवेशकों को अतिरिक्त पूंजी उपादान सहायता भी नियमानुसार मिलेगी। इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन के लिए अति प्राथमिक श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत एक करोड़ में 10 लाख, एक से 10 करोड़ के बीच 15 लाख और 10-50 करोड़ के निवेश में 20 लाख अधिकतम सीमा तक अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी।

पुरानी एमएसएमई योजना में यह था प्राविधान
पिछली औद्योगिक नीति में ए श्रेणी में (कैपिटल इन्वेस्टमेंट) 40 लाख रुपया यानि 40 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल रही थी। बी श्रेणी में 35, सी में 30 और डी श्रेणी में 15 लाख रुपया तक सब्सिडी का प्रावधान था।

नई एमएसएमई योजना में ये किए गए हैं बदलाव
एमएसएमई की नई नीति में ए श्रेणी में एक करोड़ रुपये तक पूंजी लगाने वालों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का नियम बनाया गया है। एक से पांच करोड़ तक निवेश में 50 प्रतिशत के अलावा उससे ऊपर निवेश में 25 प्रतिशत अतिरक्त लाभ मिलेगा। जिसकी लिमिट अधिकतम 1.50 करोड़ रखी गई है। इसी श्रेणी में 5-10 करोड़ में अधिकतम ढाई करोड़ और और 10 से 50 करोड़ के निवेश में अधिकतम चार करोड़ तक सब्सिडी की लिमिट रखी गई है। इसी तरह बी श्रेणी में एक करोड़ तक निवेश पर 40 प्रतिशत सब्सिडी, सी श्रेणी में एक करोड़ में 30 प्रतिशत, और डी श्रेणी में एक करोड़ में 20 लाख रुपया तक सब्सिडी मिलेगी। इसके ऊपर निवेश में भी अतिरिक्त सब्सिडी का नियमानुसार प्रावधान है।

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