अब 22 नवम्बर को सरकार को देना होगा जवाब
नैनीताल। उत्तरकाशी के सिलक्यारा स्थिल सुरंग में 10 दिन से श्रमिक फंसे हुए हैं। श्रमिकों को निकालने के हर रोज नए प्रयोग हो रहे हैं। इस पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में टनल के अंदर फंसे मजदूरों को कब तक निकाला जाएगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को 48 घंटे का वक्त दिया है। मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी।
एनजीओ कृष्णा विहार देहरादून ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में 12 नवंबर से 40 मजदूर टनल के अंदर फंसे हैं। सरकार अभी तक उनको बाहर निकालने में असफल साबित हुई है। सरकार और कार्यदाई संस्था टनल में फंसे लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही है। हर दिन उनको निकालने के लिए नए-नए जुगाड़ खोजे जा रहे हैं। एनजीओ ने अपनी याचिका में मांग की है कि जिन लोगों की वजह से इन मजदूरों की जान खतरे में पड़ी है, उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने और पूरे प्रकरण की जांच एसआईटी से कराई जाए। जनहित याचिका में यह भी कहा गया कि टनल के अंदर कार्य प्रारंभ होने से पहले मजदूरों को जरूरी सामान उपलब्ध कराया जाए जैसे रेस्क्यू पाइप, जनरेटर, मशीन अन्य सामान। टनल के निर्माण के वक्त इस क्षेत्र की भूगर्भीय जांच ढंग से नहीं की गई, जिसकी वजह से इन मजदूरों की जान खतरे में पड़ी।