ट्रैक के आसपास अंडरपास बनाने और बैरिकेडिंग लगाने पर विचार, संयुक्त निरीक्ष्ज्ञण किया
हल्द्वानी। ट्रेन से टकराकर हाथी लगातार दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। कई मोके पर ही दम तोड़ रहे हैं तो कई लम्बे उपचार के बाद भी बच नहीं पा रहे हैं। ट्रैन की टक्कर से छह दिन पहले घायल हुई 9 साल की मादा हाथी का स्वास्थ्य दिन पर दिन गिरता जा रहा है। इधर, दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले बढ़ने पर वन विभाग और रेलवे प्रशासन ट्रैक के आसपास अंडरपास बनाने और बैरिकेडिंग लगाने पर विचार कर रहा है। हाथियों के आवागमन के संभावित स्थल चिह्नित किए जा रहे हैं। इसके लिए सोमवार को वन और रेल विभाग ने दिल्ली और काशीपुर रेल मार्ग का निरीक्षण किया।
वन विभाग, रेलवे और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम ने सोमवार को लालकुआं-रुद्रपुर और लालकुआं-गूलरभोज रेलवे ट्रैक का संयुक्त निरीक्षण किया। तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज के अंतर्गत 15 नवंबर को ट्रेन की टक्कर से हाथी घायल हो गया था। तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज में हुई घटना के बाद वन विभाग की टीम घायल हाथी को बचाने की कोशिश में जुटा है। इसके साथ ही भविष्य में घटनाओं को कम करने के उपाय तलाश करने के लिए संयुक्त निरीक्षण किया गया। रेलवे, जंगलात के साथ ही वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया से आए दो विशेषज्ञों ने दोनों ट्रैक का निरीक्षण किया। इसमें हाथियों के मूवमेंट वाले इलाके, हाथियों की संख्या आदि के बारे में जानकारी जुटाई गई है।
डीएफओ हिमांशु कहते हैं कि संयुक्त निरीक्षण के बाद सुरक्षात्मक कदम उठाने को लेकर रिपोर्ट तैयार होगी, उसके आधार पर आगे कदम उठाए जाएंगे।