crude oilघरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के साथ युद्ध का असर दिखने की हुई शुरुआत
दिल्ली। इस्राइल-हमास युद्ध से दुनियाभर के देश चिंतित हैं। दोनों के बीच युद्ध का असर कच्चे तेल की कीमतों से लेकर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर साफ दिखने लगा है। युद्ध से भारत भी प्रभावित होने लगा है। युद्ध के शुरुआत में ही कच्चे तेल की कीमतें चार फीसदी बढ़ गई हैं। अगर यही स्थिति लम्ब समय तक रही तो देश में महंगाई का साफ असर दिखाई देगा। इसका चैतरफा प्रभाव पउ़ना तय है।
सबसे बड़ी चिंता कच्चे तेल को लेकर है, जो दोनों देशों में संघर्ष की शुरुआत के बाद से 4 फीसदी से अधिक महंगा हो गया है। कच्चे तेल में उछाल से देश में न सिर्फ महंगाई बढ़ेगी बल्कि चालू खाता घाटे पर भी असर पड़ेगा। भारत अपनी जरूरतों का 85 फीसदी तेल आयात करता है। ब्लूमबर्ग मुताबिक, रैपिडन एनर्जी समूह के अध्यक्ष एवं व्हाइट हाउस के पूर्व अधिकारी बॉब मैकनेली ने कहा कि अगर इस्राइल किसी भी ईरानी बुनियादी ढांचे पर हमला कर जवाब देता है तो क्रूड के दाम तत्काल बढ़ जाएंगे। उधर, सोमवार को वैश्विक बाजार में कच्चा तेल 3 फीसदी तक उछल गया। ब्रेंट क्रूड 2.28 फीसदी चढ़कर 86.86 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया।
इस्राइल-हमास संघर्ष पर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, भारत स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है। जहां तक ऊर्जा का सवाल है तो हमें यह बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहिए कि जिस स्थान पर यह सब जारी है, वह कई मायनों में वैश्विक ऊर्जा केंद्र है। हम इस पर करीबी नजर रखेंगे और देखेंगे कि अपना आगे का रास्ता कैसे तय कर सकते हैं।