कार्यक्रम के समापन अवसर पर डीएम बंसल

संस्कृति और शौक तक सीमित न रहे ऐपण, आजीविका का बने साधन: बंसल

उत्तराखण्ड करियर कला नैनीताल

कहा, कम बजट में ऐपण का शुरू किया जा सकता है लघु उद्योग
कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
नैनीताल। जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है कि ऐपण संस्कृति और शौक तक ही सीमित न रहे, बल्कि इसके जरिए स्वरोजगार के बेहतर अवसर तलाशे जाएं। ऐपण का हुनर रखने वाले लोगों को जिला प्रशासन हर संभव मदद करेगा। ऐपण की डिजायनों की बिक्री के लिए जनपद के विभिन्न स्थानों पर आउटलेट भी उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होेंने कहा कि आनलाइन मार्केटिंग के जरिए ऐपण को लघु उद्योग का रूप भी दिया जा सकता है।
इसके अलावा नैनीताल की प्रसिद्ध दुकानों, कार्यालयों, सूचना विभाग, पर्यटन विभाग, उद्योग आदि स्थानों पर प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं उन्होेंने जिला उद्योग केेंद्र महाप्रबंधक विपिन कुमार से कहा है कि वे ऐपण प्रशिक्षणार्थियों का पीएमईजीपी व महिला उद्यमिता विकास योजना में पंजीकरण करते हुए स्वरोजगार से जोड़ने के लिए बैंक से लिंक कराए ताकि प्रशिक्षणार्थी अपने लघु उद्योग प्रारंभ कर सकें। बंसल ने महिलाओं एवं बालिकाओं के ऐपण कला में पूर्ण दक्षता एवं निपुणता हासिल करने के लिए बालिकाओं के लिए अप्रैल-मई माह में दो माह का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश महाप्रबन्धक उद्योग जिला उद्योग केन्द्र को दिए।
इस तरह के निर्देश डीएम बंसल ने नैनीताल में तीन साप्ताहिक ऐपण आधारित उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर कही। यह प्रशिक्षण निर्मला सोाल सोसायटी से जुड़े विशेषज्ञों की ओर से दिया गया।
बंसल ने महिलाओं को मार्गदर्शित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में विभिन्न आॅनलाइन वेबसाईटों से जुड़कर आसानी से घर बैठे ही विशाल मार्केट उपलब्ध कराना सबसे सरल साधन है। उन्होंने सभी महिलाओं को अपने उत्पाद बाजार के साथ ही आॅनलाइन भी उपलब्ध कराने सलाह दी। प्रशिक्षण कार्यशाला में सर्वधर्म संभाव की झलक भी देखने को मिली। ऐपण प्रशिक्षण में मुस्लिम समाज की अजरा परवीन, आसना, ईरम, आयशा, पंजाबी समुदाय की बीना कौर ने भी ऐपण का प्रशिक्षण लिया है, जबकि इन बहु समाजी प्रशिक्षणार्थियों को श्री गणेश चैकी, दुर्गा चैकी, लक्ष्मी चैकी आदि ऐपण बनाने की ट्रेनिंग प्रशिक्षक अशरफ जहाॅ के अलावा मंजु रौतेला, जानकी बिष्ट ने दिया।
इस अवसर पर महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र विपिन कुमार के अलावा संजीव भटनागर सहित प्रशिक्षु हंसी, तमन्ना, मान्यता मेहरा, नेहा बिष्ट, विमला रौतेला, कमला चिलवाल, विमला तिवारी, दीपा, हेमा आर्या, दीप्ति बोहरा हेमा पाण्डे, अंशी नेगी, स्वाति भाकुनी आदि मौजूद थी।

1 संस्कृति और शौक तक सीमित न रहे ऐपण, आजीविका का बने साधन: बंसल

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