रैंप शो करती भूमिका

हल्द्वानी की भूमिका के टैलेंट की नेशनल कद्र्र 24 से 27 जनवरी तक दिल्ली में सिखाएंगी कोरियाग्राफी के टिप्स

उत्तराखण्ड करियर ताजा खबर नैनीताल

विनोद पनेरू
हल्द्वानी। सपनों को सच करने के लिए बड़े शहरों का रुख करने को जरूरी समझने वालों के लिए हल्द्वानी की भूमिका भंडारी आयना दिखा रही हैं। वे अपने शहर में रहकर ही हुनर के दम पर नेशनल शो मेें महज प्रतिभाग ही नहीं करती, बल्कि फैशन जगत में नाम कमाने की चाह रखने वाली युवतियों व महिलाओं के टैलेंट को निखारने के लिए कोरियोग्राफी के टिप्स भी सिखाती हैं। इतना ही नहीं कई बड़े शहरों से भी खुद उनके पास कोरियोग्राफी सिखाने व शो की जज बनने के आफर आते हैं।
भूमिका भंडारी अग्रवाल ने पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद मास कॉम शिक्षक के रूप में काम किया। इसके बाद खुद का अपना काम करने की मंशा के चलते वे हल्द्वानी के वॉकवे मॉल में हिमानी आनंद रावत के साथ मिलकर डिजायनर लेडीज कपड़ों के शोरूम किमाया का संचालन कर रही हैं। मगर भूमिका फैशन जगत में भी काम कमाना चाहती हैं। इसके लिए वे लगातार काम पर जुटी रहती हैं। विवाह के बाद उनके पति शमित अग्रवाल सहित पूरे परिवार का भी उन्हें पूरा सहयोग मिलता है।

कोरियोग्राफी के गुर सिखाती भूमिका
कोरियोग्राफी के गुर सिखाती भूमिका

वे अपने शोरूम के लिए कपड़ों की डिजायन खुद तैयार करवाती हैं। इसके अलावा समय-समय पर अलग-अलग शहरों में होने वाले कार्यक्रमों मेें एंकरिंग, रैंप शो में जज की भूमिका के अलावा कोरियोग्राफी भी सिखाती हैं। भूमिका ने बताया कि वे अब तक करीब 15 से अधिक नेशनल शो में अलग-अलग भूमिकाओं में प्रतिभाग कर चुकी हैं।
दिल्ली में 24 से 27 तक करेंगी कोरियाग्राफी
्र-भूमिका भंडारी अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली में 24 जनवरी से 27 जनवरी तक अखिल भारतीय स्तर का मिस एंड मिसेज नॉर्थ इंडिया 2018 का रैंप शो रेडिशन ब्ल्यू, पश्चिम विहार दिल्ली में होना है। इसमें प्रोफेशनल कोरियोग्राफर की भूमिका निभाने के लिए आयोजकों ने उन्हें आंमत्रित किया है।
क्या कहती हैं भूमिका
-भूमिका भंडारी अग्रवाल का कहना है कि अगर लगन और कुछ करने का इरादा हो तो जरूरी नहीं की बड़े शहर में जाकर ही नाम कमाया जा सकता है। कहा कि नेट के इस्तेमाल से जानकारी जुटाकर और लगातार प्रयास के बल पर अपनी मंजिल को पाया जा सकता है। इसके लिए दिल्ली, मुंबई जाना जरूरी नहीं। कहा कि उन्हें बड़ी खुशी होती है जब बड़े शहरों मेें रैंप शो एंकरिंग या कोरियोग्राफी के उन्हें आफर आते हैं। इससे यह भी लगता है कि बिना पलायन किये ही मेहनत और हुनर के बल पर मुकाम पाया जा सकता है।

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