रुद्रपुर। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों में ऊर्जा बचत की तकनीक अपनाई जाएगी जिससे कि टिकाऊ विकास की परिकल्पना साकार हो सके और उद्यमियों को भी आर्थिक लाभ हो सके। एक कार्यशाला के दौरान लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों में ऊर्जा खपत कम करने को लेकर गहन मंथन किया गया। शुक्रवार को जिला उद्योग विभाग सभागार में एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता व संरक्षण तकनीक के इस्तेमाल को लेकर विशेषज्ञों व उद्यमियों के बीच गहन मंथन किया गया।
यह कार्यशाला संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन यानी यूनीडो की ओर से आयोजित की गई। कार्यशाला में यूनीडो के नेशनल प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर देवाजीत दास ने बताया कि सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों में अलग-अलग कामकाज के हिसाब व मशीनों के इस्तेमाल से बिजली की अत्यधिक खपत होती है। इससे उद्यमियों का काफी बजट विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने में ही खर्च हो जाता है। बताया कि उद्यमियों की इसी दिक्कत को समझते हुए ऊर्जा दक्षता बढ़ाने व संरक्षण को लेकर पहल शुरू की गई है। इसके तहत उद्योगों का निरीक्षण कर आवश्यक जानकारी जुटाई जा रही है ताकि ऊर्जा दक्षता बढ़ाने की दिशा में सार्थक कदम उठाए जा सकें। बताया कि जिले में राइस मिल, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री व फार्मा आदि इकाइयों को लाभांवित किया जाना है। उद्योग विभाग महाप्रबंधक सीएस बोहरा ने बताया कि विभाग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल के निर्देश के क्रम मेे इस कार्यशाला का आयोजन किया गया ताकि उद्यमियों को लाभ दिलाया जा सके। बताया कि यह पहल प्रभावी रूप से लागू हुई तो निश्चित रूप से उद्यमियों को फायदा पहुंचेगा। बताया कि जेड यानी जीरो इफेक्ट एंड जीरो डिफेक्ट के तहत 60 इकाइयां पंजीकृत हो चुकी हैं। इस दौरान विभाग प्रबंधक सुनील पंत, सिडकुल आरएम कमल किशोर कफल्टिया, विमल चौधरी आदि मौजूद थे।

