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वन गांव में बसे बागजाला के ग्रामीणों को फिर मिल सकता है पंचायत चुनाव में वोट का अधिकार

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शासन सचिव ने निर्वाचन आयोग सचिव को भेजा पत्र
कुमाऊं जनसंदेश डेस्क
देहरादून। गौलापार क्षेत्र के वन भूमि में बसे देवला तल्ला के बागजाना के ग्रामीणों को भी इस पंचायत चुनाव में मताधिकार का अधिकार मिल सकता है। इस सम्बंध में शासन स्तर पर प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अब निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।
बता दें कि वर्ष 2019 के ग्राम पंचायत के सर्वे में ग्राम पंचायत देवला तल्ला पंजाया बागजाला के वार्ड नम्बर आठ व नौ को सर्वे करने से रोक दिया गया था। जबकि यहां के लोग 40-41 सालों से ग्राम सभा के चुनावों में भागीदारी करते आए हैं।

‘‘नागरिकों को मतदान से रोकना अधिकारों का हनन’’
देहरादून। ग्राम पंचायत देवला तल्ला के बागजाला क्षेत्र के निवासियों के पंचायत चुनाव में निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित किए जाने अथवा न किय जाने के सम्बंध में उत्तराखंड शासन प्रभारी सचिव रंजीत सिन्हा ने राज्य निर्वाचन आयोग सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि विषयगत प्रकरण में शासन का मत है कि ‘‘ चूंकि किसी नागरिक को मतदान करने से रोकना उसके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। इस दृष्टिगत किसी ग्राम पंचायत के नजदीक निवासरत वन क्षेत्रों के नागरिकों को मतदाता सूची में सम्मिलित किए जाने के लिए नियमानुसार आगे की कार्यवाही पर आयोग के स्तर से विचार किया जा सकता है।’’

पत्र में यह भी किया गया है उल्लेख
पत्र में यह भी कहा गया है कि उपरोक्त प्रकरण में न्याय विभाग द्वारा समाज कल्याण विभाग एवं वन विभाग से परामर्श प्राप्त किए जाने से परामर्शित किया गया, जिसके क्रम में समाज कल्याण विभाग द्वारा परामर्श दिया गया कि ‘‘ चुनाव में मतदान करना भारतीय नागरिक का अधिकार है। मतदान के अधिकार से वंचित किया जाना उनसके मौलिक अधिकारों के हनन के समतुल्य है। प्रकरण में वन क्षेत्र में निवारसत नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित किया जाना समीचीन होगा।’’ वन विभाग द्वारा मामले में अपनी अनापत्ति प्रदान की गइ्र है।
क्या बोले अधिकारी
वहीं इस सम्बंध में सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी रजिस्ट्रीकरण विवेक राय ने बताया कि मामला आयोग है। आयोग से उचित दिशा निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। कहा कि इस बारे में अभी ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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