पर्यावरण का संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी: रावत
कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
अल्मोड़ा। पर्यावरण का संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति एवं जैव विविधता को बनाये रखने के लिए हमें जन भागीदारी से प्रयास करने होंगे। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी जिलाधिकारियों को वीडियों कांफ्रेंसिंग के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और मानव के बीच कैसे संतुलन बना रहे, इस दिशा में अनुसंधान की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य की पर्यावरण रिपोर्ट की बुक का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जायेगा। उत्तराखण्ड सरकार ने ई-कैबिनेट की शुरूआत की है। हमने अपने आॅफिसों को ई-आॅफिस बनाने का निर्णय लिया। अभी 17 कार्यालय, ई-आॅफिस हो गये हैं। प्रयास है कि राज्य के ब्लाॅक स्तर तक जितने भी कार्यालय हैं, इनको ई-आॅफिस बनाया जाय।
वीसी में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हरेला पर्व पर फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए व्यापक स्तर पर पौधरोपण किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि हरेला पर्व पर पौधरोपण के लिए जन सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया जाय। किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए जन सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने जनपदों में नदियों, नौलों, एवं जल के स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में कार्य करें।
वीसी के दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि भारत में जैव विविधता को बनाये रखने में उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान है। उत्तराखण्ड में देश की 28 प्रतिशत जैव विविधता पायी जाती है। मानव को प्रकृति के साथ पूरा संतुलन बनाकर आगे बढ़ना होगा। पर्यावरण संतुलन के लिए लोगों में सजगता होना बहुत जरूरी है। हम छोटे-छोटे प्रयासों से भी इस दिशा में अपना योगदान दे सकते हैं। वीसी में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, मुख्य विकास अधिकारी मनुज गोयल, प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम केएस रावत उपस्थित थे।
