सुरंग में मैन्युअल खुदाई का विकल्प सफल रहा
हल्द्वानी। मंगलवार का दिन विगत 17 दिनों से सुरंग में फंसे श्रमिकों और उनके परिजनों के लिए मंगलकारी रहा। सुरंग में मैन्युअल खुदाई का विकल्प सफल रहा और बेहद कम समय में श्रमवीरों ने सुरंग के मलबे को चीरकर बाधा पार करते हुए उसमें पाइप डाल दिए। इसी के साथ मलबा को पार कर मंगलवार सायं बचाव की राह खुलते ही फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने का काम तत्परता से शुरू कर दिया गया। पीएम मोदी ने भी मिशन सिलक्यारा सफल होने पर राज्य सरकार की सराहना की।
श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया था। इसी के साथ टनल में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने का सिलसिला शुरू हुआ। पहला श्रमिक सुरक्षित बाहर निकाला गया तो बाहर खड़े सभी के चेहरे खिल गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्रमिकों का स्वागत करते हुए मुलाकात कर उनके हौसले की दाद देते रहे। केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल (सेनि) वीके सिंह भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों और रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए कर्मियों के मनोबल और साहस की जमकर सराहना की। बाहर निकाले जा रहे श्रमिकों के परिजन भी टनल के बाहर मौजूद रहे। टनल से बाहर निकाले गए श्रमिकों का प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण टनल में बने अस्थाई मेडिकल कैंप में ही किया गया।
सायं करीब 7ः50 बजे पहला श्रमिक सुरंग से बाहर आया। करीब 8ः20 तक एक दर्जन बाहर आ चुके थे। साढ़े आठ बजे तक रेस्क्यू अभियान चरम पर पहुंच चुका था और तेजी से श्रमिक सुरक्षित बाहर निकाले जा रहे थे। लगभग एक घंटे के भीतर सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। अभियान सफल होने पर सभी ने राहत की सांस ली। उल्लेखनीय है कि भारत में यह पहला सबसे बड़ा सुरंग हादसा था जिसमें सत्रह दिन में 41 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
इधर, केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकलने पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है इस रेस्क्यू अभियान में जुटी एनडीआरएफ एसडीआरएफ व टेक्निकल टीमों को उनके संपूर्ण प्रयास के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।