पौध वितरण की झलकियां

कोरोना में रुके कदम, मगर नहीं थमा डा. आशुतोष का मिशन, बांट दिए बीस हजार पौधे

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राधा-कृष्ण नर्सरी से अभी भी इच्छुक लोग ले जा सकते हैं फलदार पौधे निशुल्क
कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
हल्द्वानी। कोरोना काल में अधिकांश गतिविधियां प्रभावित चल रही हैं। ऐसे में हर साल आयोजित होने वाले सामाजिक आयोजनों का प्रभावित होना भी लाजिमी है। सरकारी कर्मचारियों के जिम्मे कामकाज अधिक है। खासकर स्वास्थ्य विभाग कार्मिकों का दायित्व और बढ़ गया है। ऐसे में कोई अधिकारी-कर्मचारी जो स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा हो और हर साल समाजहित के कार्य भी कराता हो, उसके समक्ष कोरोना काल में सरकारी दायित्व के साथ स्वयं को दी गई सामाजिक जिम्मेदारी को निभाना किसी चुनौती से कम नहीं है। इन विपरीत परिस्थितियों में भी हर साल करीब बीस हजार पौधे निशुल्क बांटने का अभियान चलाने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सक और पर्यावरण कार्यकर्ता डा. आशुतोष भले ही कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में पौध बांटने न जा सके, मगर उन्होंने स्वयं को दिया हुआ लक्ष्य पूरा कर लिया है। अभी भी आंवला, कटहल, शरीफा, अमरूद, काले अंगूर के करीब एक हजार पौधे उपलब्ध हैं। कोई भी व्यक्ति फलों के पौध लगाने के इच्छुक हों तो वह रामपुर रोड, हल्द्वानी पर स्थित राधाकृष्ण नर्सरी ( निसान शोरूम और अमर उजाला प्रेस के पास ) से निशुल्क प्राप्त कर सकते है।
बकौल, डा. आशुतोष पंत, ‘‘आप इस तथ्य से विदित ही हैं कि धरती को बचाने के लिये वृक्ष कितने महत्वपूर्ण हैं। पर्यावरण को बचाने के अन्य उपायों के साथ-साथ अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनकी देखभाल करना बहुत जरूरी है। अपने पिताजी श्री सुशील चंद्र पंत जी की प्रेरणा से वर्ष 1988 में मैंने अपने निजी संसाधनों से पौधरोपण शुरू किया था। वर्ष 1996 से मैंने ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को फलों व औषधीय महत्व के पौधे भेंट करना शुरु किया। बढ़ते बढ़ते अब मेरा प्रतिवर्ष बीस हजार से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य है। ईश्वर की कृपा रही तो आगे इसे और बढ़ाने का प्रयास रहेगा। हर वर्ष जुलाई अगस्त में मैं 15 दिन का उपार्जित अवकाश लेकर स्वयं गांव गांव जाकर लोगों को पौधे भेंट करता था, पर इस साल कोरोना संकट के कारण अवकाश लेना सम्भव नहीं था। ऐसे में मैं नजदीकी क्षेत्रों में शाम के समय आयोजित कार्यक्रमों में ही जा सका ताकि एक चिकित्साधिकारी के रूप में मेरा कार्य भी प्रभावित न हो।
बहुत से शुभचिंतकों, समाजसेवी महानुभावों ने अमूल्य समय देकर मेरा सहयोग किया और उन्होंने राधाकृष्ण नर्सरी से ये पौधे ले जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में वितरित किये। मैं उन सभी का हृदय से आभारी हूँ। नैनीताल जिले में 32 स्थानों पर और उधमसिंहनगर में 19 स्थानों पर पौधे लगाए गए। इन स्थानों पर 200 से 800 तक पौधे लगाए गए। इस वर्ष 20000 पौधे लगाए जा चुके हैं। अभी लगभग 1000 पौधे नर्सरी में बचे हैं। अब 15 सितंबर के बाद सार्वजनिक स्थानों में पौधरोपण सफल होना मुश्किल है पर व्यक्तिगत रूप से अपने घर में 2-4 पौधे कभी भी लगाए जा सकते हैं। थोड़े पौधों की देखभाल तो सम्भव है ज्यादा संख्या में लगाकर गर्मियों में बचाना थोड़ा मुश्किल होता है।
कुछ संस्थाओं 31 पी ए सी रुद्रपुर के लिये 850 पौधे, राधास्वामी सत्संग भवन रुद्रपुर के लिये 700, नवोदय विद्यालय के लिये 300 पौधे उपलब्ध कराए गए । अन्य कई संस्थाओं में भी पौधे लगाए गए।

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