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मायूस और पीड़ितों की उम्मीद जगा रही, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की जनसुनवाई

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कुमाऊं मंडल आयुक्त दीपक रावत की जनसुनवाई की लाइव कवरेज IAS DEEPAK RAWAT
विनोद पनेरू
हल्द्वानी। इसे कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत पर भरोसा ही कहा जाएगा कि दूरदराज से लोग छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर कमिश्नर की जनसुनवाई में पहुंचते हैं। बिजली-पानी न आना, अतिक्रमण, कब्जा, धमकी, बिजली-पानी के बिल ज्यादा आना, प्लाट बेचकर भी कब्जा न देना, ठगी हो जाना, पुलिस का रिपोर्ट दर्ज न करना, मजदूरों को परेशान करने समेत तमाम समस्याएं ऐसी हैं जिनका निस्तारण, चैकी, ब्लाक और तहसील स्तर पर आसानी से हो सकता है। लेकिन ऐसा होता तो कमिश्नर की जनसुनवाई में ऐसी समस्याएं तो नहीं आती। हालांकि कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत इन छोटी समस्याओं को भी उतनी ही गंभीरता से लेते हैं जितनी की बड़ी समस्याओं को। ऐसे में कमिश्नर की जनसुनवाई मायूस और पीड़ित लोगों में उम्मीद जगा रही है।

कुमाऊं के प्रमुख शहर हल्द्वानी के पटेल चैक के सामने जाने वाली स्टेडियम रोड में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत का कैम्प कार्यालय है। सप्ताह के कुछ दिन दीपक रावत नैनीताल कार्यालय तो कुछ दिन हल्द्वानी स्थित इसी कैम्प कार्यालय से प्रशासनिक कार्य करते हैं और लोगों की समस्याएं भी सुनते हैं। पब्लिक से सीधा जुड़ाव हो और लोगों की समस्याओं के समाधान के मददेनजर दीपक रावत किसी परिस्थिति विशेष को छोड़कर हर शनिवार को जनसुनवाई करते हैं। इसे तहसील, ब्लाक और जिला स्तर पर अफसरों की हीलाहवाली कहें या दीपक रावत पर भरोसा कमिश्नर की जनसुनवाई में कुमाऊं के दूरदराज के इलाकों से लोग समस्याएं लेकर हल्द्वानी आते हैं। कुछ समस्याएं तो तहसील और ब्लाक स्तर पर निपटाई जा सकती हैं लेकिन इन समस्याओं का समाधान भी कमिश्नर दीपक रावत करते नजर आते हैं।

शनिवार 6 जनवरी 2024, समय 11ः30 बजे। मंडलायुक्त के कैम्प कार्यालय के मुख्य गेट से अंदर प्रवेश किया तो फरियादियों की भीड़ लगी थी। कार्यालय के बाहर दोनों किनारों में बने लाॅन में बड़ी संख्या में लोग समस्याएं लेकर आए थे। कुछ बैठे थे तो कुछ अपनी बारी की प्रतीक्षा में खडे़ थे।

कैम्प कार्यालय में जनसुनवाई करते आईएएस दीपक रावत
कैम्प कार्यालय में जनसुनवाई करते आईएएस दीपक रावत

मजदूर को साढ़े तीन महीने की मजदूरी दिलवाई
इस दौरान एक कक्ष में कमिश्नर दीपक रावत की जनसुनवाई चल रही थी। मोतियापाथर क्षेत्र का एक मजदूर जिसकी साढ़े तीन महीने की मजदूरी सड़क निर्माण करने वाला ठेकेदार डकार चुका था और मजदूर की हाजिरी भी दर्ज नहीं की गई थी। पिछली जनसुनवाई के दौरान कमिश्नर दीपक रावत ने ठेकेदार को फटकार कर मजदूर को भुगतान करने के निर्देश दिये थे। इस निर्देश का असर हुआ कि मजदूर को कमिश्नर के सामने मजदूरी के रुपये मिल गये। रुपये मिलने पर मजदूर राम सिंह बोला ‘‘ साहब आप तो हमारे भगवान हो’’, इस पर दीपक रावत ने कहा कि जहां भी मजदूरी करते हो हाजिरी जरूर लगाया करो। नहीं तो पैसे दिलाने मुश्किल हो जाएंगे।

सच और सबूत पर ही करते हैं काम 
कमिश्नर दीपक रावत जनसमस्याओं को बड़ी गंभीरता से सुनते हैं और समझते हैं। कुछ लोग गलत फायदा उठाकर पीड़ित पक्ष को दबाने की कोशिश करते हैं लेकिन दीपक रावत हैं कि सवाल पर सवाल पूछकर झूठ बोलने वाले को पकड़ लेते हैं। समस्या सुनने से पहले वे साफ कह देते हैं कि ‘‘मुझे सिर्फ सच सुनना पसंद है और सबूत के तौर पर फोटो-वीडियो चाहिए’’।

अफसरों को तलब कर तत्काल भेजते हैं मौके पर 
ऐशगाह, रामपुर रोड क्षेत्र में एक व्यक्ति दूसरे पक्ष पर नाले के ऊपर स्लैब डालकर नाली बंद करने की शिकायत लेकर पहुंचा है। जबकि दूसरा पक्ष अपनी जमीन के अंदर ही निर्माण की बात करता है उसके पक्ष में तमाम लोग भी आए होते हैं। इस पर कमिश्नर नगर निगम के अफसरों को तत्काल मौके पर भेजकर वास्तविक स्थिति देखने और वहां के फोटो-वीडियो लाने के निर्देश देते हैं।

कैम्प कार्यालय में जनसुनवाई करते आईएएस दीपक रावत
कैम्प कार्यालय में जनसुनवाई करते आईएएस दीपक रावत

समस्याओं की गहराई तक जाते हैं  
– कमिश्नर की जनसुनवाई में जमरानी बांध से प्रभावित और जमीन की धोखाधड़ी से जुड़े मामले अधिक आते हैं। कई लोग बेहतर तरीके से अपनी समस्या नहीं बता पाते तो उसका समाधान निकालना मुश्किल हो जाता है। जमीन खरीद-बिक्री वाले मामले सुलझाने थोड़ा जटिल हो जाते हैं। ऐसे में दीपक रावत समस्या की गहराई तक जाते हैं। जब दीपक रावत समस्या में उलझे होते हैं तो अनुचित लाभ लेने की कोशिश करता पक्ष दबदबा कायम हो जाने की झूठी उम्मीद पाल लेता है, लेकिन जैसे ही दीपक रावत बताते हैं कि ‘‘ अब आप पहले पक्ष को या तो इतनी बीघा जमीन देंगे या इतने रुपये लौटाएंगे’’ तो पीड़ित पक्ष के चेहरे में मुस्कान लौट आती है। बकायदा वे समय भी तय कर देते हैं कि इतने दिन में आपको रुपये या जमीन पहले पक्ष को लौटाकर बताना होगा।

समस्याएं रखते हैं याद
जनसुनवाई में काफी लोग उम्मीद लिये आते हैं। कई लोगों को एक सुनवाई में न्याय नहीं मिल पाता है तो दोनों पक्षों को अगले शनिवार को फिर से बुलाया जाता है। इसके बाद भी कमिश्नर को लोगों की समस्याएं याद रहती हैं।

छोटी-छोटी समस्याएं भी आती हैं कमिश्नर तक
कमिश्नर दीपक रावत की जनसुनवाई में तमाम समस्याएं ऐसी भी आती हैं जिनका समाधान ब्लाक, तहसील या चैकी स्तर पर हो जाना चाहिए। लेकिन शायद ऐसा होता नहीं। तभी तो बड़ी संख्या में ऐसे फरियादी भी आते हैं जिसमें पुलिस केस दर्ज न होना, धमकी देना, कब्जा करना, योजनाओं का लाभ न मिलना जैसी छोटी समस्याएं भी आती हैं। खुद कमिश्नर भी इस बात पर हैरान होते हैं। हालांकि वे छोटी समस्याओं को भी पूरे मनोयोग से सुनते हैं।

बाहरी लोगों के सत्यापन पर दिया जोर
कमिश्नर दीपक रावत ने जनसुनवाई में शहर मंे बिना सत्यापन के फेरी, रेहड़ी लगाने को अनुचित बताते हुए पुलिस को उनके सत्यापन के निर्देश दिए। कहा कि बिना सत्यापन फेरी, रेहड़ी लगाने वाले शहर में चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर फरार हो रहे हैं। ऐसा मामला उनकी जनसुनवाई में भी आया था। इस पर उन्होंने संबंधित पुलिस अधिकारी को पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए आरोपी फेरी लगाने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।

बिना नक्शा पास कराने वालों को चेतावनी
कमिश्नर दीपक रावत ने बिना नक्शा पास कराए लोगों को कालोनी न काटने की चेतावनी दी है। कहा है कि अगर बिना नक्शा पास कराए अवैध कालोनी काटी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कैम्प कार्यालय में जनसुनवाई करते आईएएस दीपक रावत
कैम्प कार्यालय में जनसुनवाई करते आईएएस दीपक रावत

अधिकांश शिकायत कर्ताओं को किया संतुष्ट
अब यह तो संभव ही नहीं है कि हर किसी की समस्या चुटकियों में हल हो जाए। लेकिन अधिकांश शिकायतकर्ता कमिश्नर की जनसुनवाई से संतुष्ट होकर ही गए। कुछ लोगों को अगली सुनवाई में बुलाकर भेजा गया। कुछ मामलों में आरोपी पक्ष के नहीं आने से समस्याओं का समाधान न होने पर ऐसे शिकायतकर्ताओं को अगली बार प्राथमिकता से समस्या सुनने का आश्वासन दिया गया।

जमरानी के प्रभावितों को मदद का दिया आश्वासन
जनसुनवाई में जमरानी बांध डूब क्षेत्र के दर्जनों लोगों के द्वारा आयुक्त दीपक रावत को आपत्तियां दी गई। लोगांे ने बताया कि उनकी भूमि ए श्रेणी में आती है तथा बी व सी श्रेणी में दर्शाया गया है। साथ ही कुछ लोगों ने बताया कि उनका भाई ए श्रेणी में है जबकि उसी स्थान पर उनकी भी भूमि डूब क्षेत्र में है लेकिन बी श्रेणी में है। आयुक्त ने जमरानी बांध क्षेत्र के लोगोें की प्रत्येक व्यक्ति की समस्या सुनी और कहा कि अपर जिलाधिकारी तथा जमरानी बांध परियोजना के अधिकारियों के सम्मुख वार्ता कर प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं का निस्तारण किया जायेगा।

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