पशुपालकों की बढ़ेगी आय, दुग्ध संघ की कोयले पर निर्भरता होगी कम
कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा दुग्ध संघ पशुपालकों को आय का एक और जरिया देने जा रहा है। पशुपालक अब गोबर के उपले तैयार कर अल्मोड़ा दुग्ध संघ को बेच सकेंगे। इससे उनकी आय में अतिरिक्त इजाफा हो सकेगा। इससे जहां पशुपालकों की आय बढ़ेगी वहीं प्लांट के बॉयलर चलाने के लिए कोयले की निर्भरता भी कम होगी।
यह भी पढ़ें : बनभूलपुरा दंगा : 50 आरोपियों को हाईकोर्ट से मिली जमानत
दुग्ध संघ अध्यक्ष गिरीश खोलिया ने यह बात पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि दुग्ध संघ को अल्मोड़ा की 247 और बागेश्वर जिले की 54 समितियां दूध की आपूर्ति करती हैं। पिछले कुछ महीनों से बागेश्वर की समितियों ने 65 फीसदी और अल्मोड़ा में 25 प्रतिशत अधिक दुग्ध उत्पादन किया जा रहा है। बागेश्वर से अब हजार लीटर और अल्मोड़ा की समितियों से 12 हजार लीटर दूध प्रतिदिन डेरी में पहुंच रहा है। अल्मोड़ा दुग्ध संघ प्रदेश सरकार की रैंकिंग में पहले स्थान पर है।
यह भी पढ़ें : सांसद अजय भटट ने बाजपुर के हरसान गांव को गोद लिया, सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत किया जाएगा चहुंमुखी विकास
उन्होंने कहा कि पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए दुग्ध संघ उनसे गोबर के कंडे छह रुपये प्रति किलो की दर से खरीद कर रहा है। कहा कि पशुपालकों को अच्छी गुणवत्ता के कंडे बनाने को प्रशिक्षण दिया जाएगा। गुणवत्ता में सुधार होने पर नौ रुपये प्रति किलो की दर से कंडे खरीदने की योजना है।
खोलिया ने बताया कि संघ समिति के सदस्यों को अनुदान पर पौष्टिक पशु चारा, दवाएं उपलब्ध करा रहा है। इसके अलावा केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से दुधारु जानवर खरीदने को 50 से लेकर 75 फीसदी अनुदान दे रहा है। उन्होंने बताया कि जल्दी ही आंचल ब्रांड की बाल मिठाई समेत अन्य उत्पाद बाजार में फिर से लाए जाएंगे। इस मौके पर दुग्ध संघ प्रबंधक गंगा शरण भी मौजूद थे।
यह भी पढ़ें : … मम्मी-पापा हमें मत ढूंढना लिखकर घर से चल दिये तीन बच्चे