तेज आंधी में टूट चुका था नरीमन चैराहे पर स्थित पांकड़ का पेड़, हल्दूचैड़ में किया गया था ट्रांसप्लांट
कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
हल्द्वानी। पर्यावरण प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। सड़क चैड़ीकरण के नाम पर काटे जाने वाले पेड़ अब दूसरे स्थान पर फिर से हरियाली लहरा सकेंगे। आंधी-तूफान के कारण टूटने वाले या सड़क चैड़ीकरण के नाम पर काटे जाने वाले पेड़ों को नया जीवन मिल सकेगा। हल्द्वानी में प्रशासन और लोनिवि को पेड़ ट्रांसप्लांट के कार्य में सफलता मिल गई है। एक माह पहले नरीमन चैराहे पर टूट चुका पांकड़ का पेड़ ट्रांसप्लांट के बाद हल्दूचैड़ में फिर से हरा-भरा हो गया है।
बता दें कि हल्द्वानी शहर में चैराहों का चैड़ीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। प्रशासन और लोनिवि ने 13 चैराहों के चैड़ीेकरण का काम शुरू किया हुआ है। वहीं शहर में सड़कों के चैड़ीकरण का काम भी चल रहा है। चैड़ीकरण कार्य की जद में तमाम पुराने और छायादार पेड़ आ रहे हैं। प्रशासन के अनुसार करीब चालीस पेड़ चैड़ीकरण की जद में हैं। ऐसे में पुराने पेड़ों के कटान से पर्यावरण प्रेमी आहत और खासे नाराज थे।
इस पर पेड़ों को दूसरे स्थान पर ट्रांसप्लांट करने की योजना पर काम चल रहा है। वहीं एक माह पहले काठगोदाम नरीमन तिराहे पर वर्षो पुराना पांकड़ का पेड़ धराशायी हो गया था। इस पर उस पेड़ को हल्दूचैड़ में गौशाला के पास ट्रांसप्लांट किया गया था। प्रशासन के अनुसार ट्रांसप्लांट के एक महीने बाद ही उस पेड़ में फिर से पत्तियां आनी शुरू हो गई हैं और पेड़ हराभरा होने लगा है। इससे पर्यावरण प्रेमियों ने भी राहत की सांस ली है।
वहीं सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी ने कहा कि हल्द्वानी की जनता के लिए खुशी की बात ये है कि प्रशासन और पीडब्ल्यूडी की पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की कोशिश सफल हुई है। बताया कि एक माह पहले ट्रांसप्लांट किया पेड़ फिर से पुनर्जीवित हो चुका है, जिसमे हरी पत्तियां भी निकलना भी शुरू हो गयी हैं। कहा कि अब उम्मीद जग गई है कि चिन्हित किये गए 40 पेड़ों को जो रोड चैड़ीकरण की जद में आने के कारण हटाए जा रहे हैं उन्हे ट्रांसप्लांट के जरिये नया जीवन दिया जा सकेगा, जो हम सब के लिए एक सुखद अनुभव है।