देहरादून। प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना की उप समिति की बैठक विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई। प्रदेश की एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना शीघ्र ही शुरू करने जा रही है। इस संबंध में वित्त मंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत पात्र महिलाओं को स्वरोजगार या व्यवसाय स्थापित करने हेतु योजना से लाभान्वित किया जायेगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत पात्रता रखी गयी है कि, महिला प्रदेश की मूल या स्थायी निवासी होनी चाहिए। एकल निराश्रित महिला, आयु 21 से 50 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। विधवा, परित्यक्ता, किन्नर, अपराध व एसिड हमले से पीड़ित एकल निराश्रित महिला या जिन एकल महिलाओं के बच्चे अविवाहित या अवयस्क हों।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को प्रारम्भ में एक वर्ष के लिए “पहले आओ, पहले पाओ“ के आधार पर शुरु किया जायेगा। इसके लिए प्रदेश भर में स्क्रीनिंग कमेटी गठित की जायेगी जो मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति के माध्यम से प्राप्त आवेदनों की स्क्रीनिंग करेगी। योजना के तहत एक वर्ष में प्रदेश की दो हजार पात्र महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत पात्र महिलाएं कृषि, बागवानी, कुक्कुट पालन, पशुपालन, प्लम्बर कार्य, इलेक्ट्रीशियन, डाटा एन्ट्री, ब्यूटी पार्लर सम्बन्धी आदि व्यवसायों को शुरु कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि योजना 2 लाख रुपए की है जिसमें 75 प्रतिशत अनुदान देय होगा। दो लाख से अधिक की मांग पर अधिकतम डेढ़ लाख तक अनुदान देय होगा। बैठक में उप समिति के सदस्य सचिव चन्द्रेश कुमार यादव, निदेशक डब्ल्यूसीडी प्रशान्त आर्य एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।