दृश्य कला एवम् लोक गीत में बाल कलाकारों ने दिखाई प्रतिभा
कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
हल्द्वानी। राष्ट्रीय कला उत्सव के अंतर्गत दृश्य कला विधा में द्विआयामी और त्रिआयामी चित्रों से अपनी कला का प्रदर्शन बालक तथा बालिकाओं के द्वारा किया गया। राष्ट्रीय कला उत्सव 2020 के कार्यक्रम प्रभारी गौरीशंकर काण्डपाल ने बताया कि द्विआयामी चित्र के माध्यम से हिमांशु पाण्डे तथा विद्याश्री ने अपने चित्रों को निर्णायक मंडल के सामने प्रस्तुत किया। हिमांशु पांडे के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बनाम वर्तमान शिक्षा नीति को अपनी चित्रकला का विषय बनाया तथा विद्याश्री के द्वारा कलाओं का उत्सव को अपनी पेंटिंग के माध्यम से प्रस्तुत किया।
मूर्तिकला, त्रिआयामी चित्रकला के अंतर्गत राहुल कुमार ने चीड़ के पेड़ की छाल (बगेट) से केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने का प्रयास किया। पार्वती चैहान ने बालिका वर्ग में अल्मोड़ा के दशहरा महोत्सव में बनाए जाने वाले पुतलों को प्रदर्शित किया जिसकी निर्णायक मंडल के द्वारा काफी सराहना की गई। संगीत की पारंपरिक लोक विधा के अंतर्गत आनंदी एकेडमी बागेश्वर की ईशा धामी ने शकुन आंखर गीत की प्रस्तुति दी गई। ईशा धामी के द्वारा हारमोनियम तथा धु्रव धामी ने मंजीरे एवं भानू तिवारी ने ढोलक पर संगत प्रदान की गई।
समग्र शिक्षा अभियान से जुड़े पूर्ण चंद्र तिवारी ने बताया कि समस्त कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल नवाबी रोड से किया जा रहा है। मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता द्वने सभी प्रतिभागियों के सर्वोत्तम प्रदर्शन से प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम में प्रधानाचार्या गार्गी बिष्ट, हिमांशु त्रिपाठी, श्वेता पांडे, हिमांशु मिश्रा के अतिरिक्त हरिमोहन कंसेरी, दीपा आर्य, अनिता कोठारी आदि ने सहयोग प्रदान किया।