हल्द्वानी

पर्यावरण बचाने को खुद को टारगेट देते हैं डा. पंत

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दस हजार के सापेक्ष एक माह में बांट चुके 11800 पौधे
अभी भी 300 पौधे बचे हैं शेष
विनोद पनेरू, हल्द्वानी। टारगेट यानी लक्ष्य विभिन्न योजनाओं, कार्यो या किसी सफलता को पाने के लिए निर्धारित किया जाता है। इसके पीछे का मकसद कुछ पाना या मुकाम बनाना होता है। मगर एक सज्जन ऐसे भी हैं जो पर्यावरण बचाने की खातिर स्वयं को टारगेट देते हैे। बकायदा उसे पूरा करने की धुन भी सवार रहती है। इसके पीछे न तो उनका मकसद वाहवाही लूटना या प्रचार पाना होता है न ही कोई मुकाम बनाना। उन्हें बस एक ही धुन सवार रहती है कि जो पर्यावरण हमें इतना सब कुछ देता है उसकी भी निस्वार्थ भाव से रक्षा और सेवा की जाए। इनका नाम है डा. आशुतोष पंत। हल्द्वानी गौजाजाली निवासी डा. पंत पेेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं।

डा. आशुतोष पंत
डा. आशुतोष पंत

मगर वे पर्यावरण के भी सजग प्रहरी हैं। यही वजह है कि वेतन का कुछ हिस्सा वे नर्सरी तैयार करने में खर्च करते रहते हैं जिससे कि बाद में पौधों को निशुल्क रूप से लोगों को बांटा जा सके। वे हर साल बरसात के सीजन में अभियान और क्षेत्र भ्रमण कर लगभग- लगभग पूरे उत्तराखंड का दौरा कर पौधे लोगों को निशुल्क भेंट करते हैं और लोगों से पौधों की देखभाल व पर्यावरण संरक्षण का भी विनम्र आहृवान करते हैं। डा. आशुतोष पंत ने बताया कि इस वर्ष भी उन्होंने दस हजार पौधे बांटने का लक्ष्य स्वयं के लिए निर्धारित किया था। 27 जुलाई से चलाए गए अभियान के तहत 31 अगस्त तक वे लक्ष्य के कहीं अधिक यानी 11800 पौधे बांट चुके हैं। इतना ही नहीं अभी भी उनके पास 300 पौधे हैं जिन्हें वे लोगों को भेंट करना चाहते हैं। उनका कहना है कि चिकित्सक होने के नाते वे मरीजों की सेवा में व्यस्त रहते हैं मगर जो कोई भी पौध लगाना चाहता है वह उन्हें 8077503623 पर एसएमएस के जरिये पौधों की मांग कर सकता है। पंत ने बताया कि उनके पास अभी भी आंवला के 50, अमरूद के 50 और तेजपत्र के 200 पौधे बचे हैं। कोइ भी व्यक्ति या संस्था उनसे ये पौधे निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।

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