बडौ़दा आरसेटी में मूल्यांकनकर्ताओं के लिए आयोजित हुई कार्यशाला
कुमाऊ जनसन्देश डेस्क
हल्द्वानी। बैंक आफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रमुख बिपिन आर्या का कहना है कि कोई भी प्रशिक्षण तभी सार्थक है जब उसकी गुणवत्ता बेहतर हो और वह सफलता की राह दिखाने वाला साबित हो सके। ऐसे में जो भी प्रशिक्षण आयोजित किए जाएं उनमें प्रशिक्षण की गुणवत्ता एवं प्रभावशीलता, आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रमोशन आदि का विशेष ध्यान रखा जाए।
क्षेत्रीय प्रमुख आर्या ने यह विचार शुक्रवार को विकास मंत्रालय, भारत सरकार के संरक्षण एवं निदेशन में अग्रणी बैंक, बैंक आॅफ बड़ौदा की ओर से प्रायोजित बड़ौदा आरसेटी हल्द्वानी नैनीताल में उत्तराखण्ड के असेसर/मूल्यांकनकर्ताओं के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान व्यक्त किए। यह कार्यक्रम नेशनल एकेडमी आॅफ रुडसेटी (एनएआर) के तत्वावधान में आयोजित किया गया था जिसमें कुमाऊं मण्डल के सभी छह जिलों के नवनियुक्त एसेसर्स ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ बैंक आॅफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रमुख बिपिन आर्या ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर बैंक आॅफ बड़ौदा क्षेत्रीय कार्यालय के प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के इंचार्ज डीके दास, नेशनल एकेडमी आॅफ रुडसेटी के सहायक नियंत्रक उत्तराखण्ड धीरेन्द्र वर्मा तथा आरसेटी निदेशक जेपीएस राणा भी उपस्थित रहे।
क्षेत्रीय प्रमुख आर्या ने इस अवसर पर प्रशिक्षण की गुणवत्ता एवं प्रभावशीलता, आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रमोशन, प्रशिक्षण में असेसर्स की भूमिका और प्रशिक्षण की सफलता आदि पर बल दिया गया। आरसेटी निदेशक राणा ने आरसेटी प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षणार्थियों के चयन, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम एवं स्वरोजगार में भूमिका से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी।
इस अवसर पर देहरादून से आए नेशनल एकेडमी आॅफ रुडसेटी के सहायक नियंत्रक धीरेन्द्र वर्मा ने कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य आरसेटी प्रशिक्षण मूल्यांकनकर्ताओं की योग्यता व दक्षता सुनिश्चित करने, आकलन की विधि, प्रक्रिया एवं प्रोटोकाॅल तथा असेसमेंट रिपोर्ट तैयार करना और उसे एनएआर को प्रस्तुत करने के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।
इस अवसर पर आरसेटी के संकाय सदस्य नरेन्द्र सिंह पिलख्वाल, हेम कृष्ण सिंह, वित्तीय परामर्शदाता ललित प्रसाद एवं संस्थान के पूर्व निदेशक जेएस भण्डारी भी उपस्थित रहे।