एम एस स्वामीनाथन

नहीं रहे भारत में हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन, कूटा ने दी श्रद्वांजलि

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कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) ने जताया दुख
नैनीताल। भारत में हरित क्रांति के जनक और महान वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का गुरुवार को निधन हो गया है। 98 वर्षीय स्वामीनाथन ने बीमारी के बाद चेन्नई में अंतिम सांस ली। कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) ने भारत में हरित क्रांति के जनक डा. एमएस स्वामीनाथन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
स्वामीनाथन महान वैज्ञानिक रहे हैं उन्होंने मानवता के साथ ही कृषि क्षेत्र के लिए उल्लेखनीय काम किया है। उन्होंने धान तथा गेहूं की कई उन्नत किस्म विकसित करने में अपना योगदान दिया। वे 1961से 1972 तक भारतीय एग्रीकल्चर संस्थान न्यू दिल्ली के निदेशक तथा भारत सरकार में सचिव भी रहे।
कूटा ने डा. स्वामी नाथन के निधन पर दुख जताया। साथ ही उनके देशहित में दिए योगदान की सराहना की। कूटा की तरफ से प्रो ललित तिवारी, डा. विजय कुमार, डा नीलू लोधियाल, डा दीपक कुमार, डा संतोष कुमार, डा दीपाक्षी जोशी, डा दीपिका गोस्वामी, डा पैनी जोशी, डा अनिल बिष्ट, डा सीमा चैहान, डा उमंग सैनी, डा दीपिका पंत, डा रितेश साह आदि ने गहरा दुख व्यक्त किया है तथा उन्हें श्रद्धांजलि दी है। डा वाईपीएस पांगती रिसर्च फाउंडेशन व कुमाऊं विश्वविद्यालय पुरांतन छात्र संघ ने शोक सभा कर श्रद्धांजलि दी है।

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