dhaan crop golapar गौलापार नहर क्षतिग्रस्त, सिंचाई का गहराया संकट, प्रभावित हो सकता है धान और टमाटर का उत्पादन

गौलापार नहर क्षतिग्रस्त, सिंचाई का गहराया संकट, प्रभावित हो सकता है धान और टमाटर का उत्पादन

उत्तराखण्ड कृषि ताजा खबर नैनीताल
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हल्द्वानी। गौलापार नहर क्षतिग्रस्त होने से सिंचाई का संकट गहराया गया है। विभाग मरम्मत का कार्य अभी तक पूरा नहीं कर पाया है। इससे धान और टमाटर का उत्पादन प्रभावित होने के आसार गहरा गए हैं। नहर की मरम्मत होने में अभी एक सप्ताह का समय लगेगा।
क्षेत्र की एक हजार हेक्टेयर भूमि पर धान और 700 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती होती है। फसलों को पानी नहीं मिला तो काश्तकारों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।

प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा ने बताया कि इस वक्त धान की बालियों में भरान होता है। सिंचाई न होने पर धान की बालियां सूख जाएंगी। इससे चावल की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा और 30 से 40 फीसदी तक उत्पादन गिर जाएगा। वहीं टमाटर में भी फूल लगने का समय है। खेतों को पानी नहीं मिला तो टमाटर की खेती भी प्रभावित होगी। इसके अलावा मक्का, सोयाबीन, दलहनी फसलें भी प्रभावित हो रही हैं। काश्तकार नीरज रैक्वाल ने बताया सिंचाई न होने से मुख्य रुप से चावल और टमाटर की खेती पर असर पड़ा है। वहीं कई किसानों ने रबी की फसल की बुआई के लिए भी तैयारी कर रखी है। वह भी नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं।

गौलापार में 11 ग्रामसभाओं के 10 हजार से अधिक काश्तकारों की आय का प्रमुख जरिया चावल और टमाटर की खेती है। गौलापार नहर क्षतिग्रस्त होने से इन किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 26 सितंबर को हुई बरसात के कारण गौलापार नहर का 10 मीटर हिस्सा जमींदोज हो गया था। सिंचाई विभाग की ओर से नहर की मरम्मत का काम किया जा रहा है। अभी नहर की फाउंडेशन पड़ गई है।

वहीं, सिंचाई विभाग के ईई दिनेश सिंह रावत के अनुसार, नहर की मरम्मत का कार्य चल रहा है। एक सप्ताह के भीतर नहर को चालू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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