सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने मुख्य सचिव को भेजा पत्र
भीमताल। भीमताल में मांग के बाद भी सरकार पुस्तकालय खोलने की व्यवस्था नहीं कर पाई है। इससे छात्रों और साहित्य प्रेमियों को पढ़ने का बेहतर माहौल नहीं मिल पा रहा है। इस सम्बंध में नगर के सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने मुख्य सचिव उत्तराखंड को भीमताल में पुस्तकालय खोलने को पत्र भेजा है। पत्र में उनका कहना है कि आज भीमताल में कई शिक्षण संस्थान हैं, लेकिन यहाँ पुस्तकालय न होने से साहित्य प्रेमियों को साहित्य जगत से जुड़ी जानकारी के लिए महरूम होना पड़ता है। बृजवासी ने बताया कि जानकारी के अनुसार भीमताल नगर पंचायत का गठन 26 मई 1972 को हुआ था।
तत्कालीन चैयरमैन बी.डी. जोशी ने अपने कार्यकाल के दौरान नगर पंचायत कार्यालय में पुस्तकालय की स्थापना की थी, जिसके लिए उस वक्त के तत्कालीन क्षेत्र के सांसद पं. नारायण दत्त तिवारी जी ने सांसद निधि से डेढ़ लाख की धन राशि स्वीकृति पुस्तकालय की स्थापना के लिए की थी। फिर बाद में नगर पंचायत का नया भवन बनने के बाद वहां पुस्तकालय की स्थापना नहीं हो सकीं। तब से लेकर अब तक क्षेत्र की बुद्धिजीवी जनता शहर में पुस्तकालय खोलने की मांग समय-समय पर करते आई है जो आज भी अधूरी है। सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने राज्य के मुख्य सचिव को नगर में पुस्तकालय खोलने की मांग उठाई है। कहा कि पुस्तकालय खुल जाने से बच्चों में पढ़ने की ललक भी पैदा हो सकेगी और साहित्य प्रेमियों को भी साहित्य का ज्ञान बढ़ाने का बेहतर अवसर मिल सकेगा।
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