पूरे उत्तराखंड में भी दिखा गजब का उत्साह, हल्द्वानी में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित
हल्द्वानी। वर्षो से करोड़ोें लोगों को जिस दिन का इंतजार था। आखिरकार वह घड़ी आई और देश विदेश से लाखों भक्त अयोध्या में श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साक्षी बने। अयोध्या में आखिर रामलला विराजमान हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई। पूरे उत्तराखंड में भी रामभक्तों में गजब का उत्साह दिखाई दिया। हल्द्वानी में भी जगह-जगह सुंदरकांड पाठ, शोभायात्रा और भंडारे का आयोजन किया गया। जगह-जगत्रिह बड़ी स्क्रीन के जरिये लोगों ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण देखा। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हेलीकॉप्टर ने नवनिर्मित रामजन्मभूमि मंदिर पर पुष्प वर्षा की गई। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद पीएम मोदी ने भगवान राम को साष्टांग प्रणाम किया। समारोह के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपना उपवास तोड़ा।

इससे पहले सुनहरे रंग का कुर्ता, क्रीम रंग की धोती और उत्तरीय पहने प्रधानमंत्री मोदी नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया। इस दौरान वे अपने हाथ में लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ चांदी का एक छत्र भी लेकर आए थे। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान बजाई गई मधुर ‘मंगल ध्वनि’ में देशभर के 50 पारंपरिक वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल किया गया।
पूरे विधि-विधान के साथ भगवान के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसी बीच रामलला की मूर्ति की बेहद खास तस्वीरें सामने आई हैं। श्रृंगार युक्त मूर्ति में भगवान के पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं।
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद रामलला की खास तस्वीरें सामने आई हैं। यह वही मूर्ति है जिसे मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं।
संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नीचे उतरे और लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने दीर्घा में बैठी हस्तियों का अभिवादन किया। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान रवींद्र जडेजा, पीटी उषा, रजनीकांत, कुमार मंगलम बिड़ला, मुकेश अंबानी, सुमित्रा महाजन, अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, अनिल अंबानी, रामभद्राचार्य जी महाराज, स्वामी अवधेशानंद गिरिजी की हमाराज, मोरारी बापू, रामदेव, श्रीश्री रविशंकर, उमा भारती, पुण्डरीक गोस्वामी जी, साध्वी ऋतंभरा आदि मौजूद रहे।

रामलला की मूर्ति की क्या विशेषता है
भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति को गर्भ गृह में स्थापना के बाद सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं। आभूषण और वस्त्रों से सुसज्जित रामलला के चेहरे पर भक्तों का मन मोह लेने वाली मुस्कान दिखाई दे रही है। कानों में कुंडल तो पैरों में कड़े पहने हुए हैं। मूर्ति के नीचे आभामंडल में चारों भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की छोटी-छोटी मूर्तियों की पूजा की गई है।
करीब 200 किलोग्राम वजनी है मूर्ति
मूर्ति की विशेषताएं देखें तो इसमें कई तरह की खूबियां हैं। मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। इसकी कुल ऊंचाई 4.24 फीट, जबकि चैड़ाई तीन फीट है। कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर और धनुष है। कृष्ण शैली में मूर्ति बनाई गई है। मूर्ति श्याम शिला से बनाई गई है, जिसकी आयु हजारों साल होती है। मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं होगा। चंदन, रोली आदि लगाने से भी मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

और क्या खास है
रामलला के चारों ओर आभामंडल है। मूर्ति के ऊपर स्वास्तिक, ॐ, चक्र, गदा, सूर्य भगवान विराजमान हैं। श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं। मस्तक सुंदर, आंखें बड़ी और ललाट भव्य है। भगवान राम का दाहिना हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में है। मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतार दिखाई दे रहे हैं। मूर्ति नीचे एक ओर भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान जी तो दूसरी ओर गरुड़ जी को उकेरा गया है।
मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलक रही है। मूर्ति को मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। इससे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि जिस मूर्ति का चयन हुआ उसमें बालत्व, देवत्व और एक राजकुमार तीनों की छवि दिखाई दे रही है।
कठिन था मूर्ति का चयन
अयोध्या के श्रीराम मंदिर में तीन मूर्तियों को स्थापित किया गया हैं, जिसमें से एक मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया गया है। इनके बनने के बाद सबसे बड़ा सवाल तो यह था कि गर्भ गृह में किस रूप में रामलला विराजमान होंगे। मूर्तिकारों ने तीनों मूर्तियों को इतना सुंदर बनाया कि चयन करना कठिन हो रहा था कि कौन सी सुंदर है और कौन सी उतनी नहीं है। अंततः बाल रूप वाली मूर्ति को राम मंदिर के गर्भ गृह में विराजने का फैसला लिया गया।

अंदर से ऐसा दिखता है भव्य श्रीराम मंदिर
हल्द्वानी। अंदर से श्रीराम मंदिर बेहद भव्य दिखता है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए मंदिर को अंदर से बेहद भव्य तरीके से सजाया गया है। मंदिर को अंदर से फूलों से सुसज्जित किया गया है। वहीं, अलग-अलग तरह की प्रकाश व्यवस्था मंदिर को दर्शनीय बना रही हैं। अंदर और बाहर सजावट के लिए शानदार लाइटिंग की गई है। बताया जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन मंदिर का सौंदर्य अपने उत्कृष्ट पर होगा।

