देहरादून। घर के रखरखाव के लिए प्रदेश के पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को सरकार की ओर से एक लाख रुपये दिये जाएंगे। यह धनराशि 15 साल में एक बार मिलेंगी। सचिवालय में हुई उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारिणी समिति की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, बैठक में देश के लिए बलिदान देने वाले प्रदेश के सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख का अनुदान देने पर सहमति बनी। बैठक में बालकों की तुलना में बालिकाओं की छात्रवृत्ति बढ़ाने की भी सिफारिश की गई, जिसे मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा।
उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारिणी समिति की बैठक में पूर्व सैनिकों की मृत्यु पर आश्रितों को संस्था की ओर से अंतिम संस्कार के लिए 10,000 रुपये अनुदान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग के साथ अब कानून की शिक्षा के लिए 50,000 की छात्रवृत्ति, नॉन पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों, उनकी विधवाओं को आकस्मिकता अनुदान 25,000 रुपये हर साल, पूर्ण रूप से दिव्यांग पूर्व सैनिकों को दो लाख रुपये हर साल आर्थिक मदद देने पर सहमति बनी। जेसीओ रैंक तक के पूर्व सैनिक और सैनिक विधवाओं के आश्रितों को यह अनुदान राशि दी जाएगी।
प्रदेश के पूर्व सैनिक आश्रितों के सेना, अर्द्धसैनिक बल एवं राज्य पुलिस में चयन पर 40,000 रुपये अनुदान देने पर सहमति बनी है। पहले भर्ती पूर्व प्रशिक्षण केंद्रों से प्रशिक्षण लेने वाले पूर्व सैनिक आश्रितों के भर्ती होने पर 20,000 रुपये का अनुदान दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 40,000 रुपये देने पर सहमति बनी है।
अब हर साल इतनी मिलेगी छात्रवृत्ति (हजार रुपये में)
कक्षा बालक बालिका
11-12वीं कक्षा 6,000 8,000
स्नातक 8,000 10,000
स्नातकोत्तर 10,000 12,000
मेधावियों को हर साल इतनी मिलेगी छात्रवृत्ति
कक्षा बालक बालिका
10 वीं में 80 प्रतिशत अंक पर 30,000 50,000
12 वीं में 80 प्रतिशत अंक पर 40,000 60,000
स्नातक में 70 प्रतिशत अंक पर 50,000 70,000
अनाथ एवं सैनिक विधवाओं के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति
कक्षा एक से आठवीं तक बालकों को हर साल 12,000 रुपये व बालिकाओं को 15,000 रुपये, आठवीं से स्नातकोत्तर तक बालकों को हर साल 20,000 रुपये एवं बालिकाओं को 25,000 रुपये देने पर सहमति बनी। बैठक में सचिव दीपेंद्र चैधरी, समिति के सदस्य मेजर जनरल जीएस रावत (सेनि) आदि मौजूद रहे।