खनस्यूं तहसील बिल्डिंग

खनस्यूं में तहसील के नाम पर बस एक बिल्डिंग

नैनीताल

अब न धारी न खनस्यूं में ही बन पा रहे ग्रामीणों के जरूरी प्रमाण पत्र
50 किमी दूर से आकर ग्रामीण लौटते हैं निराश

विनोद पनेरू
खनस्यूं/हल्द्वानी। ओखलकांडा ब्लाॅक के खनस्यूं में तहसील तो खोल दी गई है। मगर तहसील बनने का कोई भी लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। 50 से 60 किमी का सफर, सौ से डेढ़ सौ रुपये खर्च होने के बाद भी ग्रामीण प्रमाण पत्र बनवाने में कामयाब नहीं हो पाते। क्योंकि तहसील के नाम पर खनस्यूं में बस एक बिल्डिंग के सिवा कुछ नहीं है। जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी इस समस्या से वाकिफ हैं मगर अब तक समाधान नहीं हो पाया है। शासन स्तर से पद तो सृजित किये गए हैं मगर अब तक स्टाफ की तैनाती नहीं हो सकी है।
बता दें कि नैनीताल जिले का ओखलकांडा ब्लाॅक आज भी मूलभूत सुविधाओं से दूर है। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं व सड़कें न होने की समस्या से आए दिन जूझते रहते हैं। ओखलकांडा में कुछ समय पहले तक तहसील नहीं थी। इससे ग्रामीण व छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र व अभिलेख बनवाने के लिए सैकड़ों किमी दूर धारी ब्लाॅक आना पड़ता था। समय व रुपयों की बर्बादी से बचने के लिए ग्रामीण खनस्यू में ही तहसील की मांग करते आ रहे थे। बहरहाल प्रदेश सरकार ने भी घोषणा कर ग्रामीणों की मुराद पूरी करने को खनस्यूं में ही तहसील भवन का निर्माण करवा दिया। इससे ग्रामीणों को आस जगी कि अब धारी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और नजदीक खनस्यूं में ही जरूरी प्रमाण पत्र बन सकेंगे। लेकिन आश्चर्य की बात है कि कई महीने बीत जाने के बाद भी यहां तहसील के नाम पर बिल्डिंग के सिवा कुछ नहीं है। अब तक यहां स्टाफ की तैनाती नहीं की गई है और न ही कोई यहां बैठता है। जबकि ग्रामीण कई किमी दूर से सैकड़ों रुपये किराये में खर्च करके बड़ी उम्मीद से पहुंचते हैं लेकिन यहां किसी के भी न मिलने से उन्हें मायूस लौटना पड़ता है। ग्रामीणों की दिक्कत इतनी ही नहीं है। ग्रामीणों की यह भी समस्या है कि खनस्यूं तहसील बनने से पहले जो प्रमाण पत्र धारी में बन जाते थे वे भी अब वहां नहीं बन रहे। क्योंकि धारी से उन्हें खनस्यूं जाने की सलाह दी जाती है। डुंगरी गांव निवासी योगेश भटट ने बताया कि परिजन व अन्य ग्रामीण खनस्यूं तहसील के कई चक्कर लगाकर थक चुके हैं लेकिन कभी केई नहीं मिला। एक बार एक कर्मचारी मिला भी तो बिजली न होने से मायूस ही लौटना पड़ा।

व्यवस्था बनाने की हो रही कोशिश: एसडीएम
– धारी तहसील की एसडीएम रेखा कोहनी ने बताया कि स्टाफ की कमी की वजह से इस तह की दिक्कत हो रही है। धारी तहसील में भी पर्याप्त स्टाफ नहीं है। मगर फिर भी ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए यहां से कुछ कर्मचारी भेजकर काम चलाने का प्रयास हो रहा है। इसके अलावा नेटवर्क कनेक्टिविटी के कारण भी दिक्कतें आ रही हैं। उच्चाधिकारियों के अलावा क्षेत्रीय विधायक को भी खनस्यूं तहसील में स्टाफ की कमी से अवगत कराया जा चुका है। जैसे ही स्टाफ मिल जाएगा व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी और ग्रामीणों को सहुलियत हो सकेगी।

विस में उठाया है मामला: कैड़ा

-भीमताल के विधायक राम सिंह कैड़ा का कहना है कि वे ग्रामीणों की समस्या से वाकिफ हैं। वे स्वयं इस समस्या को गंभीरता से दूर करने के प्रयास में जुटे हैं और विधानसभा में उठ चुके हैं। वे फिर शासन से खनस्यू में स्टाफ तैनाती की मांग करेंगे।

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