हल्द्वानी। लालकुआं विधायक नवीन दुम्का ने कहा कि खेती किसानी के प्रति लगातार लोगों की रुचि घटती जा रही है। इसकी वजह है कि जमीन बेचकर लोगों को एकमुश्त रकम मिल जा रही है। मगर वे भूल रहे हैं कि इस तरह का रुपया कब तक जमा रहेगा। ऐसे में उन्होंने किसानों को सुझाव दिया कि वे जैविक खेती अपनाएं। कम जमीन में भी जैविक खेती की जा सकती है। रसायनों के बजाए प्राकृतिक खाद का प्रयोग होने के चलते यह पूर्ण रूप से स्वास्थ्यकारी है। साथ ही जैविक खाद के इस्तेमाल से अधिक उत्पादन भी लिया जा सकता है। खेती से जुडे़ विधायक दुम्का ने कहा कि घर में ही जैविक खाद तैयार कर किसान बचत कर सकते हैं और अधिक उत्पादन लेकर मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने जमीन को अगली पीढ़ी के लिए बचाए रखने का सुझाव देते हुए जैविक खेती पर जोर दिया। जैविक खेती उपयोगी होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायी है। इससे अधिक उपज लेकर किसान लाभ कमा सकते हैं। उन्होंने क्षेत्र के विजयपुर व नकेल गांव के अलावा एक खत्ते में जैविक खेती को बढ़ावा देने में सहयोग का भरोसा दिया।

दुम्का कुंवरपुर किसान सहकारी समिति में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती पर आधारित प्रशिक्षण में किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होेने कहा कि खेती की जमीन लगातार कम होती जा रही है। जो चिंता का विषय है। इसके अलावा किसान रसायनिक खादों के अधिक प्रयोग से खर्च के बोझ से तो दब ही रहा है। साथ ही रसायनिक खादों से तैयार, सब्जी और फसल शरीर के लिए हानिकारक हैं। ऐसे में जैविक खेती कर स्वास्थ्यवर्धक फसल, सब्जी तो तैयार की जा सकती है, साथ ही अधिक उत्पादन लेकर लाभ भी कमाया जा सकता है। गजरौला यूपी से आए प्रगतिशील किसान भारत भूषण त्यागी ने भी अनुभव साझा किये। गाजियाबाद केंद्र से आई डा.शालिनी फत्र्याल ने भी किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया। कृषि विभाग से जुड़े जैविक के मास्टर ट्रेनर अनिल पांडे ने कहा कि जैविक खेती वर्तमान की जरूरत है। इस मौके पर मोहन ल्वेशाली, रवि उप्रेती, रवि मेहरा, बालक बिष्ट, प्रकाश बिट आदि मौजूद थे। इससे पहले अनिल पांडे ने विधायक दुम्का को जैविक गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया।
अब जैविक खेती ही करेंगे नरेंद्र मेहरा
हल्द्वानी। गौलापार देवला तल्ला के किसान नरेंद्र मेहरा जिले के प्रगतिशील किसान हैं। वे गेहूं की खास बीज प्रजाति नरेंद्र-09 तैयार कर अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। जैविक खेती के फायदे जाकर उन्होंने भी अब जैविक खेती करने का फैसला किया है। बताया कि जैविक खाद आसानी से घर में तैयार की जा सकेगी। इससे खर्च में कटौती के साथ अधिक उत्पादन भी लिया जा सकेगा। बताया कि वे अन्य किसानों को भी जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

