जागरूकता शिविर के दौरान उत्पाद की गुणवत्ता पर दिया जोर
खटीमा। मूंज घास के उत्पाद अगर बेहतर तरीके से बनाकर बाजार में उतारे जाएं तो ये महिलाओं की तिजोरी भर सकते हैं। तमाम महिलाएं वर्तमान में मूंज घास के शानदार सजावटी उत्पाद बनाकर अपना घर-परिवार चला रही हैं। यह बात खटीमा में ईडीआईआई और एसेंचर के सहयोग से एमएसडीपी मूंज घास पर आधारित जागरूकता शिविर के दौरान वक्ताओं ने कही। मूंज घास से सजावटी उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण एक माह तक चलेगा। इस अवसर पर ईडीआईआई के परियोजना समन्वयक बालकिशन जोशी ने जागरूकता कार्यक्रम के बारे में प्रकाश डाला।
निर्मला सोशल रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के निदेशक संजीव भटनागर ने संस्था की ओर से आयोजित किए जा रहे उद्यमिता विकास कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने मूंज घास पर आधारित प्रशिक्षण की महत्ता पर प्रकाश डाला। कहा कि मूंज घास के बेहतर उत्पाद आजीविका का बेहतर साधन बन सकते हैं। बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी अनीता देवी, सुरेन्द्री देवी ने दिल्ली ट्रेड फेयर में 90 हजार के मूंज घास से बने उत्पाद बेचे।
इस दौरान एनआरएलएम की सीआरपी सुनील राणा, शिक्षा राणा, हेमा बिष्ट, दुष्यंत समेत 40 महिलाएं मौजूद थीं।
![मूंज घास के उत्पादों से भरेगी महिलाओं की तिजोरी 2 Follow us on WhatsApp Channel](https://kumaonjansandesh.com/wp-content/uploads/2024/06/whatsapp-channel-icon.png)