मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में गडकरी से की शिष्टाचार भेंट
हल्द्वानी। बाबा नीब करोरी के सुप्रसिद्ध कैंची धाम, भवाली पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को आने वाले समय में यातायात की और बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रसिद्ध कैंची धाम और ऋषिकेश बाइपास के प्रस्ताव समेत दो अन्य प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति दे दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में गडकरी से शिष्टाचार भेंट कर रोड कनेक्टिविटी से जुड़े कई प्रस्तावों पर चर्चा की।
सीएम ने गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाली करीब 257 किमी लंबी खैरना-रानीखेत-भतरौंजखान-भिकियासैंण-देघाट-महलचैरी-नागचुलाखाल-बुंगीधार-बैंजरों सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह मार्ग पांच विधानसभा क्षेत्रों नैनीताल, रानीखेत, सल्ट, कर्णप्रयाग व थैलीसैंण को जोड़ेगा। देहरादून में रिंग रोड प्रोजेक्ट की मांग पर भी सहमति जताई। उन्होंने मोहकमपुर से अजबपुर तक एलिवेटेड रोड के प्रस्ताव पर भी सहमत हुए। वह 40 किमी लंबे देहरादून-मसूरी रोड कनेक्टिविटी के प्रस्ताव पर भी राजी हो गए। सीएम ने खटीमा शहर के लिए भी रिंग रोड बनाने, हल्द्वानी बाइपास बनाने, पंतनगर एयरपोर्ट के लिए बाइपास बनाने के साथ ही चंपावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ में भी बाइपास बनाने का अनुरोध किया।
1432 करोड़ में बनेगा ऋषिकेश बाइपास
आशारोड़ी से झाझरा तक कुल 12 किमी लंबाई में चार-लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। अवशेष कार्य का संरेखण कर मार्ग की डीपीआर बनाई जा रही है। शेष कार्य की स्वीकृति के साथ ही 1432 करोड़ लागत की 17.88 किमी ऋषिकेश बाइपास सड़क बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दी।
सीएम ने बताया कि मसूरी-देहरादून रोड के निर्माण से देहरादून शहर को ट्रैफिक व भीड़भाड़ से मुक्त किया जा सकेगा। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे और हिमाचल, पंजाब आदि के लिए मसूरी जाने वाले यातायात को देहरादून शहर में प्रवेश किए बिना सीधे मसूरी भेजने में मदद मिलेगी। कनेक्टिविटी एनएच सात पर झाझरा गोल चक्कर से शुरू होकर लाइब्रेरी चैक के पास मसूरी में समाप्त होगा। परियोजना की अनुमानित लागत 3425 करोड़ की डीपीआर बनाई जा रही है। गडकरी ने इस पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान की।