महोत्सव में कीवी से बनने वाले जूस, चटनी, जैली, कैंडी का महत्व बताया
बागेश्वर। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट के तहत कपकोट के लीती में कीवी महोत्सव एवं किसान गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी के माध्यम से किसानों को कीवी उत्पादन संबंधी विभिन्न जानकारियां दी गयी। कीवी महोत्सव के तहत किसानों को कीवी की रोपाई, कटाई, छटाई व घेरबाड की विस्तृत जानकारी देते हुए कीवी से जूस, चटनी, जैली, केंडी आदि बनने वाले उत्पादों के महत्व को बताते हुए बंजर खेतों में सामूहिक कीवी की खेती कर आजीविका में वृद्वि करने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया। बता दे कि किसानों को कीवी उत्पादन में 80 प्रतिशत, सेव में 60, मशरूम में 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसके अलावा सरकार 50 प्रतिशत के अनुदान पर सभी प्रकार के बीज एवं दवा जबकि 80 प्रतिशत अनुदान पर पॉवर विडर ट्रिलर उपलब्ध करा रही है।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए विधायक सुरेश गड़िया ने कहा कि सरकार के प्रयासों से 80 प्रतिशत सब्सिडी योजना के तहत एक जनपद एक फल योजनान्तर्गत कीवी जनपद में चिन्हित है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कांडा व रीमा क्षेत्र में भी कीवी उत्पादन को बढाया दिया जाएगा। उन्होंने कहा सरकार ने स्वरोजगार के लिए अनेक योजनाएं संचालित की है। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से होम स्टे के साथ ही अन्य स्वरोजगारपरक योजनाओं की ओर बढते हुए आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट के तहत कीवी उत्पादन जनपद को एक नई पहचान दे रहा है, इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं है। किसानों की आय बढाने का यह एक अच्छा माध्यम है। उन्होंने बल्क मात्रा में कीवी उत्पादन को बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि किसान कीवी उत्पादन से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं तथा आढती यही से कीवी खरीद सके इस पर हम सभी को प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में कीवी के उत्पादों की अच्छी डिमांड आयी थी। इससे किसान काफी उत्साहित है। उन्होंने कहा कि आगे भी इसे कलस्टर के रूप में किस तरह से बढाया जाय व अधिक से अधिक किसानों को जोडते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा अगले वर्ष कीवी महोत्सव को भव्य रूप से मनाया जायेगा।
जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि क्षेत्र में कलस्टर के रूप में कीवी की खेती को बढावा देने के साथ ही किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कीवी को नई पहचान दिलाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कीवी की खेती करने वाले किसानों से आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि विभाग द्वारा हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने बताया क्षेत्र में 80 किसान कीवी उत्पादन कर रहे है। जिनकी कीवी 200 से 250 प्रति किलो तक बिक रही है। इस दौरान रीप योजना के लाभार्थियों को सहायता चैक वितरित किए गए।
कार्यक्रम में ब्लॉक प्रमुख गोविंद सिंह दानू ने सभी से समेकित व जैविक खेती करने का आह्वान करते हुए गोष्ठी के लिए विभाग व जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। कहा कि इस प्रकार की गोष्ठी किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य स्थानीय लोगों को उन्हीं के क्षेत्र में स्वरोजगार देते हुए आत्मनिर्भर बनाना है, इसलिए योजनाओं का लाभ किसान अवश्य उठायें। उन्होंने रेन हार्वेस्टिंग के तहत जल संचय कर सिंचाई करने का सुझाव देते हुए कहा कि आकांक्षी विकासखंड के तहत कपकोट को सभी पैरामीटर में आगे लाने के लिए मिलकर कार्य करना होगा।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राम सिंह कोरंगा ने क्षेत्र के काश्तारों को कीवी एवं सब्जी उत्पादन के लिए प्रेरित करने के लिए विभाग एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए सब्सिडी व ऐगिंल समय से उपलबध कराने की मांग करते हुए काश्तकारों को उच्च कोटी का प्रशिक्षण भी दिलाने का अनुरोध किया।
कार्यक्रम में ग्राम प्रधान चामू सिंह कोरंगा, सहायक उद्यान अधिकारी कुलदीप जोशी, विधायक प्रतिनिधि योगेश हरडिया, काश्तकार भवान सिंह, हरीश सिंह, पान सिंह, खीम सिंह, धना कोरंगा, राधा कोरंगा सहित महिला समूह के सदस्य व अन्य काश्तकार मौजूद रहे।