लालकुआं। औद्योगिक क्षेत्र में अहम नाम और हजारों लोगों को रोजगार देने वाली लालकुआं सेंचुरी पेपर मिल को आदित्य बिड़ला समूह ने 3498 करोड़ में आईटीसी कंपनी को बेच दिया है। हालांकि वर्तमान में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी पहले की तरह ही काम करते रहेंगे। उनका रोजगार किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होगा। सेंचुरी मिल के सीईओ अजय कुमार गुप्ता ने स्पष्ट कर दिया है कि यहां कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवाएं सामान्य रूप से पूर्व की भांति संचालित रहेंगी।
सेंचुरी पेपर मिल वर्ष 1984 में स्थापित हुई। उम्दा किस्म का कागज बनाने के मामले में इसकी डिमांड पूरे देश-दुनिया में है। इस मिल में नौकरी करना हर किसी का एक सपना रहा है। सेंचुरी ने अपने कर्मचारियों को ए ग्रेड सुविधाएं मुहैया कराईं। प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से यह लाखों लोगों के रोजगार का जरिया बनी। सेंचुरी पेपर मिल ने वर्ष 1981 में कागज उद्योग के क्षेत्र में कदम रखा और एक के बाद एक नई उपलब्धियां हासिल कीं। राष्ट्रीय स्तर पर कई अवॉर्ड भी जीते। दो सौ एकड़ से अधिक भूमि में फैली सेंचुरी पेपर मिल के कारखाना के अलावा कर्मचारियों के क्वार्टर भी बड़े भूखंड पर बने हैं। पेपर मिल सीएसआर फंड के तहत भी क्षेत्र के आर्थिक विकास में बहुत बड़ा रोल अदा करते रही।
सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल के सीईओ ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि आईटीसी की ओर से अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने में पांच से छह महीने का समय लगेगा।
सीईओ अजय कुमार गुप्ता ने कहा कि सेंचुरी पल्प एवं पेपर लालकुआं की ओर से आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट लिमिटेड मुंबई एवं आईटीसी लिमिटेड कोलकाता के बीच व्यापार हस्तांतरण समझौता 3,498 करोड़ रुपये में हुआ। उन्होंने बताया कि इस उद्योग को स्व. बसंत कुमार बिडला की ओर से 1981 में शुरू किया गया और जुलाई 1984 से व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ हुआ। बोले-आईटीसी लिमिटेड पेपर उद्योग में देश में प्रथम स्थान पर है और यह समूह एफएमसीजी, कृषि व्यवसाय, सूचना प्रौद्योगिकी, कागज उत्पाद और पैकेजिंग उद्योग में प्रतिष्ठित स्थान पर है।

