विश्वकर्मा योजना को लेकर बैठक लेंती डीएम वंदना

शिविर लगाकर शिल्पकारों को दिलाएं प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ : DM

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जिलाधिकारी वंदना ने जिला स्तरीय क्रियान्वन समिति की ली बैठक
नैनीताल। 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से देश के परम्परागत शिल्पकारों के लिए लांच की गई प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को धरातल पर उतारने के लिए नैनीताल जिला प्रशासन जुट गया है। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अधीन संचालित इस योजना की जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक लेकर ब्लाकवार शिविर लगाकर पात्र शिल्पकारों को योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी जिलाधिकारी वंदना की अध्यक्षता में सोमवार को जिला कार्यालय नैनीताल में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम विश्वकर्मा योजना (एम.एस.एम.ई.) की जिला स्तरीय कियान्वयन सीमित की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई।
बैठक मे डीएम ने सम्बन्धित अधिकारिंयो को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा की पीएम विश्वकर्मा योजना (एम.एस.एम.ई) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्प से जुड़े शिल्पकार और कारीगरों को आर्थिकी सहायता प्रदान करना है। ताकि वह अपने प्रोडक्ट्स और सर्विस को नये बाजार की आवश्यकतानुसार सही ढंग से बाजार में पहुंचा सकें साथ ही देश के विकास मे अपना योगदान देने के साथ ही अपनी आर्थिकी मे सुधार ला सके।
उन्होंने समस्त खंड विकास अधिकारियों एवं नगर पालिका ईओ को अपने-अपने क्षेत्रों में कैम्प लगवाकर ऐसे लोगो को चिन्हित कर लाभान्वित करने के निर्देश दिए।

बैठक मे जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक उद्योग सुनील कुमार पंत ने विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि भारत के ग्रामीण शहरी क्षेत्र के कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्म योजना के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक व्यवसाय ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राज मिस्त्री, डलिया बनाने वाले,चटाई बनाने वाले झाडू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी,दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले, कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले लोहार जैसे आदि कार्यों को शामिल किया गया है।

योजना के तहत मिलेगा तीन लाख रुपये तक का लोन: पंत
पीएम विश्वकर्म योजना के अंतर्गत कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा 3 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा। यह लोन लाभार्थी को दो किस्तों में दिया जाएगा। योजना के पहले चरण में कामगारों को 5ः ब्याज दर से 1 लाख रुपए का लोन मिलेगा वहीं दूसरे चरण में 2 लाख रुपए का लोन कोलेटरल फ्री क्रेडिट सपोर्ट, डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए इंसेंटिव और मार्केटिंग सपोर्ट के माध्यम से मान्यता दी जाएगी। वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना पर 13,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जिससे देश भर में लगभग 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ मिलेगा।

सीएससी सेंटर से होगा पंजीकरण, ये दस्तावेज आवश्यक
उन्होंने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना के आवेदन सीएससी सेंटर से रजिस्ट्रेशन किया जाए जा सकेगा जिसके लिए आवश्यक दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर के साथ ईमेल आईडी का होना जरुरी होगा।
बैठक में डीडीओ गोपाल गिरी, खादी ग्राम अधिकारी केएस कम्पोज, तकनीकी शिक्षा दिवाकर बिजेता, डीएस भण्डारी, सहायक श्रम आयुक्त हल्द्वानी कमल जोशी, आईटीआई कालाढुंगी ललित मोहन आर्या, हल्द्वानी मोहन सिंह मेहरा, जिला सेवायोजन अधिकारी नवीन शर्मा, नगरपालिका रामनगर संजय सिंह मनराल, नगरपालिका भवाली संजय कुमार, बीडीओ ओखलकाण्डा तनवीर अंसारी, पंचायती राज सुरेश प्रकाश, ई-डिस्ट्रिक मैनेजर विशाल शर्मा के सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

26032025 शिविर लगाकर शिल्पकारों को दिलाएं प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ : DM Follow us on WhatsApp Channel

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