गंदे नाले के प्रदूषण की चपेट में आने से कई लोग हो चुके हैं बीमार
लालकुआं। उत्तराखण्ड बेरोजगार संगठन ने तहसीलदार मनीषा बिष्ट के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा। जिसमें सेन्चुरी पेपर मिल लालकुआँ के प्रदूषण के सवाल पर हुये लिखित सहमति एवं वर्ष 2006 में जिला प्रशासन द्वारा उपरोक्त सम्बन्ध में मिल प्रबन्ध को दिये गये आदेश का पालन करवाने तथा पेपर मिल के उक्त जहरीले नाले में पल-बढ़ रहे विशालकाय मगरमच्छो के आतंक से सुरक्षा प्रदान किये जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण प्रभावित क्षेत्र की जनता अवगत करना चाहती हैं कि लालकुआँ स्थित सेन्चुरी पल्प एन्ड पेपर मिल के जहरीले नाले के कारण इस नाले में अब हर साइज के मगरमच्छों के पलने-बढने से स्कूल जाने आते बच्चों एवं घास लाती महिलाओं से लेकर आने-जाने वाले राहगीरों को जान-माल का खतरा उत्पन्न हो गया है। कहा कि जहरीले नाले का पानी सेन्चुरी पेपर मिल ने गाँव के बीचो-बीच रिहायशी इलाको के बीच से छोडा है। जिस कारण उपरोक्त समस्या के साथ-साथ जल प्रदूषण होने से जमीन के अन्दर कई सौ फीट का पानी भी प्रदूषित हो चुका है। जिस पानी को पीकर तथा वायु प्रदूषण के कारण लोग कई जानलेवा बीमारियों, कैंसर, दमा, खसरा, पीलिया, पत्थरी आदि से ग्रसित होकर मौत के मुह में समा चुके हैं।
वही रोजगार के सवाल पर भी मिल प्रबन्धन हमेशा से ही प्रदूषित प्रभावित क्षेत्र के युवाओं की अनदेखी करते आ रहा है। कहा कि प्रदूषण स्थानी लोग सहन कर रहे हैं और रोजगार के लिए बरेली व मुरादाबाद के लोगों की पिछले दरवाजों से भर्ती की जाती रही है। उन्होंने मिल प्रबन्धन को आदेश जारी कर जल्द ही जहरीले नाले को भूमिगत कर मगरमच्छो व जल प्रदूषण से निजात दिलाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उक्त कार्य शीघ्र नहीं किए गए तो स्थानीय लोगों को साथ लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी शासन प्रशासन की होगी।
पत्र में दीपक जोशी, भगवत सिंहं दानू, गोपाल नयाल, भगवान सिंह माजिला, अर्जुन रावत, दुर्गा सिंह खडायत,संजय आर्य, गोपाल दत्त जोशी, रमेश सिंह, मनोज पाठक, करम सिंह आदि के हस्ताक्षर हैं।